अष्टछाप के कवियों की ट्रिक( ashtachhaap ke kaviyon ki trick)

🌺अष्टछाप के कवियों की ट्रिक🌺

 

⭐ अष्टछाप की स्थापना 1565 में गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा हुई थी।

 

🌺 Trick :-  वल्लभ की कुभसूर का परमानन्द प्राप्त करने के लिए कृष्ण की भक्ति मे लीन है।

वल्लभाचार्य के शिष्यः-

(1)कुंभनदास(उम्र मे सबसे बडे़)

(2)सूरदास(प्रसिद्धि मे सबसे बडे़)

(3)परमानन्द((सूरदास के बाद वात्सल्य के सबसे बडे़ कवि)

(4) कृष्णदास (सर्वाधिक बुद्धिमान)

🌺 Trick :- विट्ठल के सदस्यों में चतुरनन्द है जो छीत के गोविन्द की भक्ति करता है।

विट्ठलदास के शिष्यः-

(5) चतुर्भुजदास(कुंभदास के पुत्र)

 

(6) नन्ददास(उम्र मे सबसे छोटे एवं सूरदास के बाद दूसरे बड़े कवि)

 

(7) छीत स्वामी(सर्वाधिक उदण्ड़)

 

(8) गोविन्ददास(सबसे बडे़ संगीतज्ञ) राजस्थान के कवि

 

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