आत्मकथा की परिभाषा और विशेषता एवं प्रमुख आत्मकथा की short trick

                       💐आत्मकथा💐

• आत्मकथा हिंदी गद्य की महत्वपूर्ण विधाएं है।

• आत्मकथा से आशय उस रचना से है जिसमें कोई प्रसिद्ध व्यक्ति अपनी कथा को स्वयं रोचक शैली में लिखता है।

• स्वयं से लेखक के द्वारा लेखक के जीवन की कथा आत्मकथा का रचनाकार कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होता है क्योंकि सामान्य पाठक तो अपने से उच्च एवं महान व्यक्ति के जीवन को जानने के लिए ही उत्सुक रहता है।

                💐आत्मकथा की विशेषताएं 💐

1. आत्मकथा में लेखक के स्वयं के जीवन की घटनाओं एवं प्रसंगों का विवरण होता है।
2. आत्मकथा में लेखक अपने विस्तृत जीवन के सागर में से कुछ चुनिंदा घटनाओं के मोती निकालकर विश्वासनीयता के धागे से पिरोता है।
3. जीवन की घटनाओं का विवरण क्रमिक रूप में होता है।
4. लेखक स्वयं तटस्थ होकर अपने जीवन की छोटी-बड़ी के निन्दनीय एवं प्रशंसनीय दुर्बल – सबल पक्षों का चित्रण करता है।
5. आत्मकथाकार के लिए आवश्यक है कि वह समाज में प्रतिष्ठति व्यक्ति विशेष हो।
6. आत्मकथा की शैली निजी संस्मरणों के ढ़ग की होती है।

                       .💐मुख्य बिन्दु 💐

1. हिंदी की प्रथम प्राचीन आत्मकथा :- अर्द्ध कथा (1641,बनारसी दास जैन)
2. हिंदी के प्रथम आत्मकथा :- मेरी आत्मा कहानी (1941, बाबू श्यामसुंदर दास)
3. हिंदी की पहली महिला आत्मकथा लेखिका :- जानकीदेवी बजाज
4. हिंदी की प्रथम दलित आत्मकथा :- अपने – अपने पिंजरे(1995 ,मोहनदास नैमिशराय)

              💐बनारसी दास का परिचय 💐

• जन्म :- 1586 ई. मृत्यु :- 1643 ई.
• गोस्वामी तुलसीदास और अकबर के समकालीन
★ अर्द्ध कथा :-
• हिंदी की सर्वप्रथम आत्मकथा
• प्रकाशन :- 1641ई.
• भाषा :- ब्रजभाषा
• शैली :- पद्यात्मक शैली
• इसका प्रकाशन :- नाथूराम प्रेमी ने 1943 ई. में करवाया।
• पंक्तियां :-
• जिनि पाहिरि जिन – जनमपुर – नामि मुद्रिका छाप।
सो बनारसी निज कथा, कहै आपसौ आप।।

            💐 आत्मकथा short trick 💐

सत्यानन्द अग्निहोत्र ने कहा मुझमें देव जीवन का विकास करना है।
★ सत्यानन्द अग्निहोत्र :- मुझमें देव जीवन का
विकास

अमृता प्रीतम को बस में रसीदी टिकट चाहये।
★ अमृता प्रीतम :- रसीदी टिकट(1979)
                           अक्षरों के साये

यशपाल सिंहावलोकन करने वन में जाता है।
★ यशपाल :- सिंहावलोकन (तीन खण्ड
1951,1952,1955 में प्रकाशित हुई)

सत्यदेव भारत की स्वतंत्रता की खोज करना चाहता है।
सत्यदेव परिव्रजाक :- भारत की स्वतंत्रता की खोज

परिव्राजक की प्रजा शान्त प्रिय से रहती है।
शान्तिप्रिय द्विवेदी :- परिव्राजक की प्रजा(1952)

गंगा प्रसाद उपाध्याय मनुष्य के जीवन चक्र को समझना चाहता है।
★ गंगा प्रसाद उपाध्याय :- जीवन चक्र

मेरी आत्म कहानी यादों की परछाइयॉ के बीच है।
★ चतुरसेन शास्त्री :- मेरी आत्म कहानी
                                यादों की परछाइयॉ

देवेंद्र ! चांद सूरज के वीरन में नील यक्षिणी रहती है क्या यह सत्य है।
देवेंद्र सत्यर्थी :- चांद सूरज के वीरन(1952)
                           नील यक्षिणी(1985)

• देवराज उपाध्याय के बचपन के दिन यौवन के द्वार पर जाते ही दिखते है।
★ देवराज उपाध्याय :- बचपन के दिन
                                  यौवन के द्वार(1970)

अपनी खबर सुनकर पाण्डेय बेचैन हो जाते है।
पाण्डेय बेचन शर्मा :- अपनी खबर(1960)

• बलराज साहनी कहते है कि मेरी फिल्मी आत्मकथा सुनना चाह होंगे ।
★ बलराज साहनी :- मेरी फिल्मी आत्मकथा

                 ◆ हरिवंशराय बच्चन
बच्चन ने कहा कि मैं क्या भूलूं क्या याद करूं नीड का निर्माण बसेरे से दश द्वार तक होना चाहिये।
1. मैं क्या भूलूं क्या याद करूं (1969)
2. नीड का निर्माण फिर (1970)
3. बसेरे से दूर(1978)
4. दशद्वार से सोपान तक(1985)
नोट :- हरिवंशराय बच्चन ने अपनी आत्मकथा को ‘स्मृति यात्रा यज्ञ’ कहा है।

                      ◆ रामदरश मिश्र
जहां मैं खड़ा हूं रोशनी की पगडंडियां बीते दिनों से उत्तर पथ पर फुरसत से आ जाती है।
1. जहां मैं खड़ा हूं
2. रोशनी की पगडंडियां
3. टूटते – नते दिन
4. उत्तर पथ
5. फुरसत के दिन
6. सहजर और समय(1991)

                       ◆ कमलेश्वर ◆ 
जो मैंने देखा यादों के चिराग में जलती हुई नदियां और कमल
1. जो मैंने देखा(1992)
2. यादों के चिराग में(1997)
3. जलती हुई नदी(1999)

                       ◆ अशोक वाजपेयी
पावभर जीरे में अशोक वाजपेयी ने ब्रह्मभोज करवाया।
पावभर जीरे में ब्रह्मभोज (2003)

                    ◆ विष्णु प्रभाकर
विष्णु प्रभाकर का पंखहीन पंछी मुक्त गगन में उड़ गया।
1. पंखहीन(2004)
2. मुक्त गगन (2004)
3. पंछी उड़ गया(2004)

• पिंजरे में मैना :- चंद्रकिरण सोनेरिक्सा

• पिंजरे में तोता :- नंदकिशोर आचार्य

• निज वृतांत (1900) :- अंबिकादत्त व्यास

• तरुणाई के सपने :- नेता सुभाष चंद्र बोस

• अपने-अपने पिंजरे :- मोहन लाल नेमिसराय

• तपती पगडियों पर पदयात्रा :- कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

• घर की बात :- डॉ. रामविलास शर्मा

• अर्द्ध कथा(1988) :- डॉ. नगेन्द्र

• साठ वर्ष : एक रेखांकन :- सुमित्रानन्दन पन्त

• मेरी आत्म कहानी (1941) :- डॉ.श्यामसुन्दर दास

• घर की बात (1983) :- डॉ.रामविलास शर्मा

• गर्दिश के दिन (हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओ के12 रचनाओं की आत्मकथा 1980) :- कमलेश्वर

• निराला की आत्मकथा (1970):- सूर्यप्रसाद दीक्षित

• मेरी जीवन यात्रा (पाँंच खण्ड 1946) :- राहुल सांस्कृत्यायन

• टुकडे – टुकडे दास्तान :- अमृता लाल नागर

          💐 प्रमुख महिला आत्मकथाकार 💐

• मेरी जीवन यात्रा :- जानकी देवी बजाज

• लगता नही दिल मेरा :- कृष्णा अग्निहोत्री

• एक कहानी ये भी :- मन्नू भंडारी

• अन्या से अनन्या :- प्रभा खेतान

• कुछ कही कुछ अनकही :- शीला झुंझुन वाला

• बूँद :- पद्मा सचदेव

• बावड़ी :- पद्मा सचदेव

• दस्तक जिंदगी की : – प्रतिभा अग्रवाल

• मोड़ ज़िन्दगी का :- प्रतिभा अग्रवाल

• शब्दकाया :- सुनीता जैन

• गुडिया भीतर गुडिया :- मैत्रेयीं पुष्पा

• कस्तूरी कुण्डल बसै :- मैत्रयी पुष्पा

• एक गुमशुदा दोस्त की तलाश :- सुधा अरोड़ा

• और और औरत : – कृष्णा अग्निहोत्री

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