आदिकाल की प्रवृत्तियां (Aadikal ki Pravartiya)
1. ऐतिहासिकता का अभाव
2. युद्ध वर्णन में सजीवता
3. प्रमाणिकता में संदेह
4. वीर और संघर्ष का समन्वय
(हम्मीर रासो और खुमान रासो में वीर रस के साथ संघर्ष के व्यक्ति हुई है। )
5. आश्रयदाताओं की प्रशंसा
6. संकुचित राष्ट्रीयता
7. कल्पना की प्रचुरता
8. डिंगल – पिंगल भाषा का प्रयोग
9. अलंकारों का स्वाभाविक समावेश
10. ऐतिहासिकता की अपेक्षा कल्पना की प्रधानता
11. प्रबंध एवं मुक्तक गीत
पृथ्वीराजरासो – प्रबंध काव्य (जो चरित्र काव्य के रूप में)
बीसलदेव रासो- मुक्ति गीत काव्य
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