कमाल का जीवन परिचय(kamal ka jeevan parichay)

                                       ?कमाल का जीवन परिचय?

* कमाल को कबीर साहब के पुत्र बताए जाते हैं यह प्रसिद्ध है कि जब उनसे कबीर संपदा की स्थापना की बात कही गई थी तू वह राजी नहीं हुए और करीब कबीर के अनुयाई चलो ने किन होकर कहा था पूरा वर्ष कबीर का जो उपजा पूत कमाल आचार्य

* इनके समाधि मगर के कबीर की समाधि के पास ही है

* कबीर साहब के औरस पुत्र एवं शिष्य

* कबीर के आदेश पर संतमत के प्रचार हेतु अहमदाबाद गए थे

* दादू दयाल की गुरु परंपरा में इनका नाम इनके ऊपर पांचवी पीढ़ी से लिया जाता है आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार

* कबीर साहब के मुझे के पास इनके समाधि है

* ग्वालियर के एक महाजन ने उन्हें बहुत सारा धन देना था उन्होंने लेने से इनकार कर दिया लेकिन जब कमाल विश्राम करते हुए गहरी नींद में चेतन महाजन ने हीरे का टुकड़ा इन की पगड़ी में छिपा दिया कहां से आकर जब उन्होंने अपनी पगड़ी खोली तो उसमें हीरा गिरा यह देखकर कबीर अत्यंत दुखी हुए और उनका पुत्र ईश्वर भक्ति में अधिक धन एक करने के लिए लगाए इसके उन्होंने का नाम साहब का बेचकर लाया धन  माली बूढ़ा वंश कबीर का जन्नत पूत कमाल

* कुछ विद्वानों का मानना है कि कमाल ने विवाह ने किया था जिसे कबीर का वंश समाप्त हो गया इसी कारण कभी निबूडा वंश कबीर का जन्म आपूर्ति माल कहां है

* कमाल भी कबीर के बाद ही माया डमरू के स्थान पर आंतरिक सुचिता पर बल देते थे

* कमाल भी एक प्रसिद्ध संत और कवि थे। उन्होंने अपने पिता कबीर की शिक्षाओं और विचारों को आगे बढ़ाया और भक्ति मार्ग पर चलते हुए समाज में सुधार की दिशा में कार्य किया। कमाल का साहित्य और भक्ति संगीत भी बहुत प्रसिद्ध है, और वे अपने पिता की तरह निर्गुण भक्ति परंपरा का पालन करते थे।

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