1. क्रम संख्या
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कवि
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उपनाम
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2.
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स्वयंभू
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अपभ्रंश का वाल्मीकि
अपभ्रंश का कालिदास
(डॉ.भयाणी के अनुसार)
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3.
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पुष्पदंत
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अपभ्रंश का भवभूति
(शिवसिंह सेगंर के अनुसार)
अभिमान मेरु (पुष्पदंत ने स्वयं को कहा)
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4.
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कबीर की भाषा
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भाषा का डिक्टेटर
(आ.हजारी प्रसाद द्विवेदीने)
पंचमेल खिचड़ी
(श्यामसुंदर दास ने कहा)
सधुक्कड़ी
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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5.
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तुलसीदास
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मुगल काल का सबसे महान व्यक्ति
(स्मिथ ने कहा)
कालिकाल का वाल्मीकि
(नाभादास ने कहा)
बुद्धदेव के बाद सबसे बड़ा लोकनायक
(डॉ.ग्रियर्सन ने कहा)
चलता फिरता तुलसीतरु
( मधुसूदन सरस्वती ने कहा)
लोकमंगल का कवि
(आचार्य शुक्ल ने कहा)
नारी निन्दक
(मिश्रबन्धुओं ने कहा)
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6.
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सूरदास
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उद्धव का अवतार
पुष्टिमार्ग के जहाज
(विट्ठलनाथ ने कहा)
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7.
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रसखान
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पीयूष वर्षी कवि
(अमृत की वर्षा करने वाला कवि)
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8.
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बिहारी
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पीयूष वर्षी मेघ कवि
(डॉ.राधाचरण गोस्वामी ने कहा)
शब्दों के चतुर प्रयोक्ता मात्र
(रेवेरेड एड बिन ग्रीब्ज ने कहा)
ध्वनि वादी कवि
(डॉ.नगेंद्र)
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9.
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बिहारी की काव्य को
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पदम सिंह शर्मा ने शक्कर की रोटी कहा।
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10.
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बिहारी के दोहे
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने बिहारी के दोहों कोक रस की पिचकारी कहा।
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11.
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मुंजकवि
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भाखा की जड़
(शिवसिंह सेंगर ने कहा)
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12.
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विद्यापति
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दशावधान
(दिल्लीपति राजा ने कहा)
पंचदेवोपासक
(हरप्रसाद शास्त्री ने कहा)
अभिनव जयदेव
(महाराज शिवसिंह ने कहा)
जातीयकवि
(डॉ.बच्चन सिंह ने कहा)
कुच(स्तन) कवि
(बाबूराम सक्सेना और हरप्रसाद शास्त्री ने कहा)
अरूप का कवि
(डॉ. बच्चन सिंह ने कहा)
शुद्ध श्रृंगारी कवि
(रामविलास शर्मा ने कहा)
श्रृंगाररस का सिद्धवाक् कवि (आ.हजारी प्रसाद द्विवेदी)
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13.
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केशवदास
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कठिन काव्य का प्रेत,
उक्त वैचित्र्य शब्द क्रीडा का प्रेमी (आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
कोट के कवि
(डॉ विजय पाल सिंह ने कहा)
क्लासिक पंडित
(डॉ.बच्चनसिंह ने कहा)
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14.
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मतिराम
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बिहारी के समान चक्करदार नहीं,
सच्चा कवि हृदय
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
बिहारी का अनुकर्ता
(आ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा)
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15.
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भूषण
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भारतीय जनजीवन का प्रथम कवि
(विश्वनाथ प्रसाद मिश्र)
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16.
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शमशेर बहादुर सिंह
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कवियों का कवि,शिल्प पक्ष की समृद्धि के कारण
(अज्ञेय ने कहा)
मूडस के कवि
(मलयज ने कहा)
प्रणय जीवन का प्रसंग बद्ध रसवादी कवि
(मुक्तिबोध ने कहा)
बात के कवि
शमशेर की शमरेरियत
(विष्णु खरे ने कहा)
मैं उर्दू और हिंदी का दोआब हूं (शमशेर ने कहा)
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17.
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भारतेंदु हरिश्चंद्र
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भारतेंदु
(1880 पत्रिका में पंडित रघुनाथ, सुधाकर द्विवेदी,रामेश्वरव्यास ने कहा।)
नवजागरण का अग्रदूत
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18.
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मुक्तिबोध
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बूर्ज्बाजी का अंतिम मुमूर्षु कवि
हिंदी और मराठी का हाइब्रिड
भयानक बात के कवि
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19.
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त्रिलोचन
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अवध का किसान कवि
(मुक्तिबोध ने कहा)
धरती का कवि
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20.
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गिरिजाकुमार माथुर
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अतिवादी को छूने वाला कवि
ऐन्द्रियता के कवि
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21.
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मीरा
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भक्ति के तपोवन की शकुंतला
(पंत ने कहा)
राजस्थान के मरुस्थल की मंदाकिनी
(पंत ने कहा)
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22.
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पंत
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प्रकृति के सुकुमार कवि
(निराला ने कहा)
संवेदनशील इंद्रिय बोध का कवि
प्रकृति की क्रियाशील इंद्रिय भूतों का कवि
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23.
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निराला
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महाकवि
(शमशेर बहादुर सिंह ने कहा)
ग्रीक के पौराणिक देवता अपोलो के समान विशाल और सुंदर
(एक अमेरिकी महिला ने कहा)
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24.
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मैथिलीशरण गुप्त
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सांमजस्य वादी कवि
(आ.रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
सुकवि
(निराला ने कहा)
पुरुत्थान के कवि
(दिनकर ने कहा)
हिंदू राष्ट्रवाद गायक कवि
नेहरू युग के सरकारी कवि
अभिधा का कवि
कौटुंबिक कवि मात्र
(मैथिलीशरण ने स्वयं को कहा)
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25.
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जैनेंद्र
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मानव जीवन दर्शन का सबसे बड़ा कहानीकार
(डॉ. लक्ष्मी नारायण लाल ने कहा)
उत्तर भारत का शरदचंद्र
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26.
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उपेंद्रनाथ अश्क
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मध्यवर्ग का चितेरा उपन्यासकार
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27.
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कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
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शैलियों का शैलीकार
(दिनकर ने कहा)
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28.
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भवानी प्रसाद मिश्र
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चेष्टा का कवि
सहजता काकवि
कविता का गांधी
(उदयप्रकाश ने कहा)
गांधी का बेटा
(भवानी प्रसाद सिंह को स्वयं को कहते थे या स्वंय को मानते थे)
शुद्ध गांधीवादी कवि
(दिनकर ने कहा)
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29.
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जयशंकर प्रसाद
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अतीत के स्वर्णयुग में विचरण करने वाला
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30.
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रामानंद
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आकाश धर्मगुरु
(आ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा)
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31.
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अग्रदास रसिक
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रसिक का संगम
रसिकभाव की भक्ति का प्रचारक (जीवाराम ने कहा)
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32.
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कुलपति मिश्र
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परमोत्तम कवि का स्थान दिया
(मिश्र बंधुओं ने)
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33.
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महादेवी वर्मा
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हिंदी की विशाल मंदिर की वीणापाणि
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34.
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हरिवंश राय बच्चन
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आत्मानुभूति के कवि
आत्मकेन्द्रित के कवि
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35.
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रामधारी सिंह दिनकर
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सामाजिक चेतना का चारण
परतंत्र भारत का वास्तविक वैतालिक
रामधारी दिनकर ने स्वयं बारे में कहा छायावाद की ठीक पीठ पर आए।
महज डिप्टी राष्ट्रकवि
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36.
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त्रिलोचन
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जिजीविषा प्रधान कवि
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37.
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रामेश्वर शुक्ल अंचल
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प्रेम, सौंदर्य,रोमांस एवं उद्दाम वासना के कवि
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38.
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नरेंद्र शर्मा
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प्रगीतों के कवि
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39.
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रघुवीर सहाय
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कुशल शिल्पी
आत्मचेता कलाकार
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40.
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वियोगी हरि
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ब्रजभूमि,ब्रजभाषा और ब्रजपति अनन्य उपासक(आ. रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
अध्यात्म चिंतन सर्वेश्वरवादी कवि
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41.
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गोपाल शरण सिंह
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धरती की चेतना के कवि
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42.
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कालिदास त्रिवेदी
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अभ्यस्त और निपुण कवि
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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43.
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घनानंद
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मौन मधि पुकारा,
साक्षात् मूर्ति और जबाँदानी का दावा करने वाला कवि
(आ.रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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44.
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बोधा
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रसोन्मत्त कवि
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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45.
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ठाकुर
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सच्ची उमंग के कवि,
सच्चे उदार,भावुक और ह्रदय के पारखी कवि
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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46.
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बद्रीनारायण चौधरी प्रेमघन
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विलक्षण- शैली का गद्य लेखक (आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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47.
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ठाकुर जगमोहन सिंह
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एक प्रेम पथिक कवि
(आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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48.
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लाला श्रीनिवास
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व्यवहार में दक्ष और संसार को ऊंचा- नीचा समझने वाले पुरुष(आचार्य रामचंद्र शुक्ल)
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49.
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प्रताप नारायण मिश्र
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हाजिर जवाबी एवं मसखरेपन के लिए प्रसिद्ध कवि
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50.
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हजारी प्रसाद द्विवेदी
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चिन्मुखी मानवता के अन्वेषक ऐतिहासिक – सांस्कृतिक चेतना का संपन्न
मानवतावादी आलोचक
20सदी का बाणभट्ट
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51.
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अज्ञेय
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निजता की सुरक्षा के प्रतिनिधि कवि
अस्तित्ववाद में आस्था रखने वाले कवि
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52.
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बालमुकुंद गुप्त
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अच्छी हिंदी लिखने वाले कवि
(आ. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने कहा)
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53.
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल
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मुनिमार्ग का हिमायती
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54.
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मनोहर श्याम जोशी
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कल के वैज्ञानिक
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55.
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भगतीचरण वर्मा
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स्वरति के कवि
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56.
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धर्मवीर भारती
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प्रेम के कवि
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57.
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देव
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प्रगल्भ और प्रतिभा संपन्न
(आ.रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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58.
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पद्माकर
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मूर्ति विधायिनी कल्पना का स्त्रष्टा(आ.रामचंद्र शुक्ल ने कहा)
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59.
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नागार्जुन
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जन पक्ष धरता के कवि
कबीर के बाद इतना बड़ा व्यंग्य कवि दुसरा नही।
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