गांधीवादी दर्शन या विचारधारा(Gandhivadi darshan ya vicharadhara)

🌺 गांधीवादी दर्शन या विचारधारा🌺

 🌺 गांधीवादी दर्शन महात्मा गांधी द्वारा विकसित की गई ।

 

 🌺व्यावहारिक आदर्शवाद पर जोर देने वाली।

 

🌺 गांधीवादी विचारधारा का प्रमुख उद्देश्य :- सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के अनुसार व्यक्ति और समाज को बदलना।

 

🌺गांधीवादी विचारधारा के आधारभूत सिद्धांत सत्य और अहिंसा

 

🌺गांधीवादी विचारधारा के चार आधार:- सत्य,अहिंसा सर्वोदय और सत्याग्रह

🌺गांधीवादी विचारधारा का प्रभाव हिंदी साहित्य में (1921 से 1940 के बीच)

🌺 गांधी जी पर लिखी गई कविताएं :

1. तुम कागज पर लिखते हो :- भवानी प्रसाद मिश्र

सूरत कातते थे गांधीजी
कपड़ा बुनते थे,
और कपास जुलाहों के जैसा ही
धुनते थे ।

 

2. युगावतार गांधी :- सोहनलाल द्विवेदी

चल पड़े जिधर दो डग मग में
चल पड़े कोटि पग उसी और ।

 

3.प्यारे बापू :- सियारामशरण गुप्त

हम हैं एक सिखाते बापू
है आजादी लाए बापू

 

4.गांधीजी के चित्र को देखकर:- केदारनाथ अग्रवाल

दुख से दूर पहुंचकर गांधी
सुख से मौन खड़े हो
मरते – खपते इंसानों के
इस भारत में तुम्ही ही बड़े हो।”

 

5. गांधीजी के प्रति :- मुकुटधर पांडेय
तुम शुद्ध बुद्ध की परंपरा में आये
मानव थे ऐसे, देख कि देव लजाये।”

 

6. बापू :- रामधारी सिंह दिनकर

जो कुछ था देय, दिया तुमने सब लेकर भी,
हम हाथ पसारे हुए खड़े हैं आशा में,
लेकिन छीटों के आगे जीभ नहीं खुलती,
बेबसी बोलती है आंसू की भाषा में।

 

7. बापू :- सुमित्रानंदन पंत

चरमोन्नत जग में जब कि आज विज्ञान ज्ञान,
बहु भौतिक साधन, यंत्र यान, वैभव महान,
सेवक है विद्युत वाष्प शक्ति धन बल नितांत,
फिर क्यों जग में उत्पीड़िन ? जीवन यों अशांत?

 

8. बापू के प्रति :- सुमित्रानंदन पंत

तुम मांस तुम्ही हो रक्त – अस्थि,
निर्मित जिनमें नवयुग का तन,
तुम धन्य ! तुम्हारा नि: स्व- त्याग
है विश्व – भोग का वर साधन।

 

9.बापू काव्य संग्रह से – दिनकर 

 संसार पूजता जिन्हें तिलक ,रोली, फूलों के हारों से 
संसार पूजता जिन्हें तिलक रोली, फूलों के हारों से मैं उन्हें पूजता आया हूं बापू । अब.तक अंगारों से ।

 

10. लौटो- छूने दो एक बार फिर अपना चरण
अभयकारी, रोने दो पकड़ वही छाती, जिसमें हमने गोली मारी!
*महात्मा गांधी हत्या के अगले दिन [31 जनवरी 1948]को लिखी गई इस कविता में दिनकर आत्मग्लानि के स्वर ।

 

गांधी विचारधारा से प्रभावित प्रमुख:-

1. कवि सुमित्रानंदन पंत

2. जयशंकर प्रसाद

3. मैथिलीशरण गुप्त

4. माखनलाल चतुर्वेदी

5. सियारामशरण गुप्त

6. सुभद्रा कुमारी चौहान

7. रामधारी सिंह दिनकर

8. हरिवंश राय बच्चन

9. रामनरेश त्रिपाठी

10. सोहनलाल द्विवेदी

11. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

12. हरि कृष्ण प्रेमी

13. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’

14. जगदीश प्रसाद ‘मिलिंद’

15. वियोगी हरि

16. गया प्रसाद शुक्ल

गांधी विचारधारा का हिंदी महाकाव्यों पर प्रभाव :-

1. साकेत (1931) :- मैथिलीशरण गुप्त

2. कामायनी(1935) :- जयशंकर प्रसाद

3. वैदेही वनवास (1941) :- हरिऔध

4. कृष्णायन (1942) :- द्वारका प्रसाद मिश्र

5. कुरुक्षेत्र (1946):- रामधारी सिंह दिनकर

6. साकेत संत (1946):- बलदेव प्रसाद मिश्र

 

गांधी जी को चरित्र नायक मानकर लिखे गए काव्य :-

1. जननायक(प्रबंध काव्य) :- रघुवीर शरण मित्र

2. महामानव(प्रबंध काव्य ):- ठाकुर प्रसाद सिंह

3. बापू(खंडकाव्य):- सियाराम शरण गुप्त

4. बापू(खंडकाव्य) :- रामधारी सिंह दिनकर

5. प्रार्थना पुरुष(खंडकाव्य) :- नरेश मेहता

6. सूत की माला(1948 ):- हरिवंश राय बच्चन

(इस काव्य संग्रह को जमादार श्री जुमेराती को समर्पित किया था)

7. खादी के फूल (1948) :- हरिवंश राय बच्चन एवं पंत संयुक्त रुप

8. वंदना के बोल :- हरिकृष्ण प्रेमी

9. पर आंखें नहीं भरी :- शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

10. युगांत , युगवाणी और ग्राम्या :- पंत

11. हे राम( रेडियो रूपक ,1969 ) :- दिनकर

12. अंजलि और अर्ध्य (1942 ,गीत काव्य) :- मैथिली शरण गुप्त

13. शुभ्र पुरुष( रजत शिखर काव्य संग्रह,1951 से)

14. युगावतार गांधी(भैरव काव्य संग्रह से):-सोहनलाल द्विवेदी गांधी जी द्वारा।

 

गांधी जी की जीवनी लिखने वाले वालों में :-

1. घनश्याम दास बिड़ला :- बापू

2. काका कालेलकर :- बापू की झांकियां

3. सुमंगल प्रकाश :- बाबू के साथ

4. राजेंद्र प्रसाद :- बाबू के कदमों में

5. जैनेंद्र कुमार :- अकाल पुरुष गांधी

6. रामनरेश त्रिपाठी :- गांधीजी कौन है

7. नरोत्तम दास :- चंपारण में महात्मा गांधी

8. गणेश शंकर विद्यार्थी :- श्री गांधी

9. रामवृक्ष बेनीपुरी :- बापू की कुटिया

 

गांधी वादी विचारधारा पर लिखे गये उपन्यास:-

1. प्रेमचंद के उपन्यास :- प्रेमाश्रम,रंगभूमि,कर्मभूमि

2. वृंदावन लाल वर्मा के उपन्यास:- गढ़ कुंडार,फांसी की रानी,अमर बेल,सोना

3. जैनेंद्र का उपन्यास :- त्यागपत्र

4. चतुरसेन शास्त्री के उपन्यास :- अभिलाषा, उदयास्त ,अपराजिता ,हृदय की प्यास, हृदय की परख की परख।

5. भगवती प्रसाद वाजपेयी के उपन्यास :- अनाथ पत्नी,त्यागमयी, पतिता की साधना, निमंत्रण,पतवार।

6. सियारामशरण गुप्त का उपन्यास :-अंतिम आकांक्षा

7. प्रताप नारायण श्रीवास्तव के उपन्यास :- विदा, विजय, विसर्जन,बयालिस।

8. पं. बेचन शर्मा ‘उग्र’ के उपन्यास :- चन्द हसीनों के खतूत, दिल्ली का दलाल ,शराबी,जीजीजी,बुधवा की बेटी।

9. इलाचंद्र जोशी के उपन्यास :- मुक्तिपथ, जिप्सी

10. राधिका रमण प्रसाद सिंह के उपन्यास :- राम रहीम, गांधी टोपी, पुरुष और नारी

11. विश्ववम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ के उपन्यास :- मां, भिखारी।

12. यशपाल के उपन्यास :- दादा कामरेड, झूठा सच।

13. भगवती चरण वर्मा का उपन्यास :- टेढ़े मेढ़े रास्ते

14. रामेश्वर शुक्ल अंचल का उपन्यास :- नई इमारत

15. ऋषभचरण जैन के उपन्यास :- ग़दर , सत्याग्रह भाग्य

 

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