गीतांजलि श्री का जीवन परिचय(Gitanjali Shri ka jeevan parichay)

🌺🌺🌺🌺गीतांजलि श्री का जीवन परिचय🌺🌺

जन्म :- 12 जून, 1957

 

जन्म स्थान :- मैनपुरी नगर में (उत्तर-प्रदेश)

 

मूल नाम:- गीतांजलि पांडेय

 

पिता का नाम :- अनिरुद्ध पांडेय (आईएएस अधिकारी)

 

माता का नाम :- श्री कुमारी पांडेय

 

पति का नाम :- सुधीर पंत (इतिहासकार)

 

इनकी पहली कहानी :- बेलपत्र (1987 ई. हंस पत्रिका में प्रकाशित)

 

उपन्यास :-
1. माई

2. हमारा शहर उस बरस

 

3. तिरोहित

4. खाली जगह

5. रेत समाधि

कहानी संग्रह :

1. अनुगूँज

2. वैराग्य

3. मार्च,माँ और साकुरा

4. यहाँ हाथी रहते थे

5. प्रतिनिधि कहानियाँ

🌺रेत समाधि(इंटरनेशनल बुकर प्राइज)🌺

◆ ‘खाली जगह’ कहानी संग्रह का अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन भाषा में हो चुका है।

◆ इन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में उपन्यास, कहानी व जीवनी के अलावा शोधग्रंथ भी लिखे हैं।
भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री ने देश के नाम नई उपलब्धि दर्ज की है।

उन्होंने इंटरनेशनल बुकर प्राइज का सम्मान देश को दिलाया है. उनके उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ को इंटरनेशनल बुकर प्राइज मिला है।

ये उपन्यास हिंदी में रेत की समाधि (Ret Ki Samadhi) के नाम से छपा था जिसे अमेरिकन ट्रांस्लेटर डेजी रॉकवेल (American Translator Daisy Rockwell) ने अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया और इसका नाम टॉम्ब ऑफ सैंड (Tomb Of Sand) रखा।

ये दुनिया की उन 13 किताबों में शामिल हो गई है जिन्हें इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार मिला है. जानकर आपको खुशी होगी कि ये पुरस्कार जीतने वाली पहली हिंदी भाषा (Hindi Language) की किताब (Book) है।

लंदन में गीतांजलि श्री (Geetanjali Shree) को इस किताब के लिए पुरस्कार मिला. गीतांजलि श्री को 5 हजार पाउंड की इनामी राशि (50000 Pounds Winning Prize) मिली जिसे वो डेजी रॉकवेल के साथ शेयर करेंगी।

इस उपन्यास में 80 साल की बुजुर्ग विधवा की कहानी है, जो 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद अपने पति को खो देती है।इसके बाद वह गहरे अवसाद में चली जाती है।

काफी जद्दोजहद के बाद वह अपने अवसाद पर काबू पाती है और विभाजन के दौरान पीछे छूटे अतीत का सामना करने के लिए पाकिस्तान जाने का फैसला करती है।

राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ‘रेत समाधि’ हिंदी की पहली ऐसी किताब है जिसने न केवल अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की लॉन्गलिस्ट और शॉर्टलिस्ट में जगह बनायी बल्कि गुरुवार की रात, लंदन में हुए समारोह में ये सम्मान अपने नाम भी किया।

क्या है बुकर प्राइज
यह पुस्कार अंग्रेजी में ट्रांसलेट और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है. 2022 के पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक की घोषणा सात अप्रैल को लंदन बुक फेयर में की गई थी. जबकि विजेता का ऐलान अब किया गया है।

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