जालन्धर का परिचय(Jalandhar ka parichay)

🌺जालन्धर का परिचय 🌺

* जालन्धर नगर भोग नामक देश के ब्राह्मण थे (स स्क्य कं बुम् के अनुसार)

* पश्चिम में स्थित सिंधु देश के ठाठ नगर के शूद्र निवासी थे। (तारानाथ के अनुसार)

* जालंधर ने कुछ दिनों में नेपाल भी रहे ।

* जालंधर ने ओडियान में साधना करनी पड़ी थी जहाँ कच्छपा ने इन्हें बौद्ध तन्त्रों में दीक्षा दी थी।

* जालंधर के पद में बौद्ध तंत्र पद्धति ही वर्णन है किंतु शैव पद्धतियाँ भी अवश्य अपनाई होगी क्योंकि नाथ परम्परा में इन्हे आदिनाथ माना गया।(राहुल सांकृत्यायन के अनुसार)

* जालंधर की शैव तथा तिब्बति कथाओं पर आ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने विस्तार से विचार किया है।

* जालंधर के सात ग्रंथ तंजूर में उपलब्ध है जिनमें दो ग्रंथ अपभ्रंश में थे।

* जालंधर के शिष्यों में :-
1. कृष्णाचार्य

2. कण्हपा
3. बुद्धज्ञानपा
4. तन्तिपा
5. भर्तृहरी
6. गोपीचंद

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