🌺दलित आत्मकथा🌺
• दलित आत्मकथा की शुरुआत :- आत्मकथ्य से (रचयिता -भीमराव अंबेडकर, 1956में ,जनता पत्र नागपुर से )
• दलित आत्मकथा के संदर्भ में आत्मकथा शब्द के लिए आत्मवृत्त,आत्मचरित्र, जीवन गाथा,आत्मकथनस्वकथन एवंस्वचरित शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
• मोहनदास नैमिशराय अपनी कृति ‘अपने अपने पिंजरे को’आत्मकथा के बजाय आत्मवृत्त मानते हैं।
🌺 दलित आत्मकथा की विशेषताएं :-
1. दलित आत्मकथा में भोगे हुए जीवन का चित्रण होता है।
2. दलित आत्माकथा मेंदीनता पीड़ा दु:ख आदिसमाज जीवन स्थिति का चित्रण होता है।
3. दलित आत्मकथा में कर्मवाद को स्वीकार है।
4. दलित आत्मकथामानव मूल्यों को स्वीकार करती हैं ।
🌺 दलित आत्मकथाकार🌺
1. मोहनदास नैमिशराय
2. ओमप्रकाश वाल्मीकि
3. कैलाश नाथ
4. कौसल्या बैसंत्री
5. डॉ. डी .आर . जाटव
6. माता प्रसाद
7. सूरजपाल चौहान
8. श्यौराज सिंह बेचैन
9. एन .आर . सागर
10. के. नाथ
11. डॉ . रमाशंकरआर्य
🌺हिंदी साहित्य में लिखी गई दलित आत्मकथाएं🌺
क्रम संख्या |
दलित आत्मकथा |
आत्मकथा कार |
1. |
अपने अपने पिंजरेभाग-1(1995) |
मोहनदास नैमिशराय |
2. |
जूठन(1997) |
ओमप्रकाश वाल्मीकि |
3. |
दोहरा अभिशाप(1999) |
कौसल्या बैसंत्री |
4. |
तिरस्कार (1999) |
कैलाश नाथ |
5. |
मेरा सफर मेरी मंजिल(2000) |
डॉ.डी.आर.जाटव |
6. |
अपने अपने पिंजरे भाग– 2 (2000) |
मोहनदास नैमिशराय |
7. |
झोपड़ी से राजभवन (2000) |
माता प्रसाद |
8. |
तिरस्कार(2002) |
सूरज पाल चौहान |
9. |
मेरे मन की बाइबल भाग– 1(2006) |
नवेन्दुमहर्षि |
10. |
संतप्त (2006) |
सूरज पाल चौहान |
11. |
नागफनी(2007) |
रूप नारायण सोनकर |
12. |
घुटन(2007) |
डॉ.रमाशंकर आर्य |
13. |
मेरे बचपन मेरे कंधों पर (2006) |
श्यौराज सिंह बेचैन |
14. |
मेरी पत्नी और भेड़िया (2009) |
डॉ.धर्मवीर भारती |
15. |
मुर्दहिय (2010) |
डॉ. तुलसी राम |
16. |
शिकंजे का दर्द |
डॉ.सुशीला टाकभोरे |
17. |
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18. |
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19. |
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20. |
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