1. आदर्श एवं नैतिकता का प्राधान्य।
2. राष्ट्रीयता अथवा देशभक्ति।
3. मानवता वादी विचारधारा का प्रादुर्भाव।
4. इतिवृत्तात्मकता।
5. काव्य भाषा के रूप में खड़ी बोली की प्रतिष्ठा।
6. मुक्तिको की अपेक्षा प्रबंध काव्यों की रचना अधिक।
7. जागरण सुधार -राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक सुधार, सामाजिक चेतना, मानवतावादी आदि।
8. सौद्देश्यता आदर्शपरकता एवं नीतिमत्ता।
9. आधुनिकता ।
10. समस्यापूर्ति ।
11. कहानी उपन्यास निबंध तथा आलोचना अधिक गद्य की समुचित विकास।
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