नई कविताओं की प्रवृत्तियां( naee kavitayo ki pravatiya)

🌺नई कविताओं की प्रवृत्तियां( naee kavitayo ki pravatiya)🌺

1. मानव मूल्य की विघटन की पुकार ।

2. नव मानव की कल्पना।

3. आस्था – अनास्था का मिश्रण ।

4. मानव लघुता और गरिमा का उल्लेख।

5. कवि का खंडित व्यक्तित्व।

6. काव्य भाषा- बातचीत की भाषा ।

7. लघु कविता शैली- दो,तीन, चार पंक्तियों में समाप्त होने वाली लघु कविताएं रचने की एक प्रणाली।

8. लयहीन गद्यात्मक – गद्य में शब्द विन्यास का जो व्याकरण – सम्मत क्रम होता है ,उसी को अपनाया।काव्य में अपेक्षित लय को तिलांजलि दी।

9. अनुभूति की प्रमाणिकता।

10. लघु मानवतावाद, क्षणवाद तथा तनाव व द्वंद ।

11. मूल्यों की परीक्षा
*वैयक्तिकता का एक मूल्य के रूप में स्थापना, निरर्थकता बोध,विसंगति बोध, पीड़ावाद,सामाजिकता।

12. लोक सम्पृक्ति।

13. नए उपमान,नए प्रतीक,नये बिम्बों का प्रयोग।

14. काव्य संरचना दो तरह:-

1. छोटी कविताएं (प्रगीतात्मक)
2. लंबी कविताएं

15. नवीनता बौद्धिकता,अतिशयवैयक्तिकता,
क्षणवादिता,भोग एवं वासना, यथार्थवादिता, आधुनिक युग बोध,प्रणयानुभूति लोक संस्कृति नया शिल्प विधान ।

16. जीवन के प्रति उसकी आस्था।

17. समाज के अनुभूति कवि की अनुभूति बनकर ही कविता मे व्यक्त हुई।

18. जीवन के एक-एक क्षण को सत्य मानती है ।

19. सत्य को पूरी हार्दिकता और पूरी चेतना से भागने का समर्थन करती है ।

20. जीवन मूल्यों की नई दृष्टिकोण से व्याख्या की है।

21. व्यंग्य के रूप में पुराने मूल्यों को अस्वीकार।

22. बुद्धिमूलक यथार्थवादी दृष्टि।

 

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