?भारतेंदु हरिश्चन्द्र के अनुदित नाटक ?
(1) विद्या सुंदर (1868 ई.)- यतीन्द्रमोहन के बंगला नाटक का अनुवाद
(2) पाखंड विडंबन (1872 ई.)- कृष्ण मिश्र के ‘प्रबोधचन्द्रोदय’ के तृतीय अंक का अनुवाद
(3) धनजंय विजय ( 1873 ई.)- कांचन कवि के नाटक का अनुवाद
(4) कर्पूर मंजरी (1875 ई.)- राजशेखर कवि के प्राकृत भाषा की रचना का अनुवाद
(5) मुद्राराक्षस (1878 ई.)- विशाखदत्त के नाटक का अनुवाद
(6) दुर्लभ बन्धु (1880 ई.)- इसे ‘वंशपुर का महाजन’ नाम से भी जाना जाता है। यह शेक्सपीयर के अंग्रेजी नाटक ‘मर्चेण्ट ऑफ वेनिस का अनुवाद है।
? पढ़ना जारी रखने के लिए यहाँ क्लिक करे।
? Pdf नोट्स लेने के लिए टेलीग्राम ज्वांइन कीजिए।