मगही के भारतेन्दु रामप्रसाद सिंह का जीवन परिचय (Ramprasad Singh ka jeevan parichay)

🌺रामप्रसाद सिंह का जीवन परिचय🌺

 

◆ जन्म :- 10 जुलाई 1933 को तत्कालीन गया (अब अरवल जिला) में

 

◆ मृत्यु :- 25 दिसंबर 2014

 

◆ उपनाम :-

●मगही के भारतेन्दु

● मगही के दधीचि

● मगही के उन्नायक

 

◆ यह लम्बे समय तक मगही अकादमी, पटना के अध्यक्ष रहे ।

 

◆ मगही भाषा और साहित्य के विकास के लिए इन्होंने आजीवन कार्य किया।

 

◆ मगही भाषा में इनकी अलग-अलग विधाओं में लगभग दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हैं।

 

◆ मगही भाषा और साहित्य साधना के लिए इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।

 

◆ इनकी प्रमुख मगही रचनाएं:-

● पारस पल्लव

● नीर-क्षीर

 

● सरहपाद

● लोहामरद

 

● गांव के रेंगन-चेंगन

● नरग-सरग धरती

●बराबर के तलहट्टी में

●अकबर के कसमसाहट

 

◆ इन्होंने पुस्तकों का संपादन भी किया जिनमें प्रमुख है :-

● मगही साहित्य का इतिहास

● मगही लोकगीत वृहत संग्रह

● मगही लोक कथाएं

● मुस्कान

● सोरही

● मगही समाज

● निरंजना

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