मार्क्सवाद मे आस्था रखने वाले कवि की शार्ट ट्रिक(marksavad me aastha rakhane vale kavi kI Short trick)
मार्क्सवाद में आस्था रखने वाले कई कवियों ने अपने काव्य में समाजवादी और आर्थिक न्याय के मूल्यों को प्रमोट किया है।
मार्क्सवाद मे आस्था रखने वाले कवि की शार्ट ट्रिक
राम के साथ राघव भी मार्क्सवाद मे आस्था रखते है।
1. रामविलास शर्मा (1912-2000)
2. केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000)
3. रांगेय राघव(1923-1962)
नकेनवाद साहित्यिक आंदोलन एक प्रकार का लोकप्रिय सामाजिक आंदोलन है, जिसमें साहित्यिकों और कवियों द्वारा समाज में उठने वाली समस्याओं और अन्यायों के खिलाफ आवाज उठाई जाती है। “नकेनवाद” शब्द फ्रेंच भाषा का है और “नकेन” का अर्थ होता है “नहीं” या “न अवलोकित”। इसे एक विभिन्न दृष्टिकोण से समाज की समस्याओं को प्रकट करने और उनका समाधान करने का प्रयास माना जाता है।
नकेनवाद साहित्यिक आंदोलन के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
-
कविताएँ और लेखन: साहित्यिकों द्वारा कविताएँ, कहानियाँ, नाटक आदि के माध्यम से समाज में विभिन्न समस्याओं का सामाजिक रूप से संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
-
विचारधारा और विरोध: साहित्यिक अक्सर समाज में प्रचलित धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक अन्यायों के खिलाफ विचार और विरोध दर्शाते हैं।
-
उदाहरण और प्रेरणा: उनके लेखन में वास्तविक और साहसिक कथाएँ और प्रेरणादायक विचार होते हैं, जो अन्य लोगों को भी सकारात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं।
-
सामाजिक परिवर्तन का प्रोत्साहन: नकेनवाद साहित्यिक आंदोलन उत्साही रूप से सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करता है और लोगों को सकारात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करता है।
नकेनवाद साहित्यिक आन्दोलन के कवि:-
◆ न के न
1. नलिन विलोचन शर्मा(1916-1961)
2. केसरी कुमार (1919)
3. नरेश कुमार मेहता(1922-2000)
https://hindibestnotes.com मार्क्सवाद मे आस्था रखने वाले कवि की शार्ट ट्रिक 2021-02-08
error: Content is protected !!