रसलीन का परिचय (Raslin ka parichay)

🌺रसलीन (1689 ई.- 1750 ई.) का  परिचय🌺

 

◆ रीतिकालीन कवि

 

◆ इनका पूरा नाम :- सैयद गुलाम नबी ‘रसलीन’

 

◆ वे हरदोई जिला के प्रसिद्ध सांस्कृतिक केन्द्र बिलग्राम के रहनेवाले थे।

 

◆इनका प्रसिद्ध दोहा:-

अमिय हलाहल, मदभरे, सेत, स्याम, रतनार जियत, मरत, झुक झुकि परत जेहि चितवत इक बार ।।

◆ इनके दो प्रसिद्ध ग्रंथ:-

1. अंगदर्पण(1737 ई.)

● दोहा छंद में रचित

● 188 दोहे

● मुक्तक काव्य

● नखशिख वर्णन

● रचना पर थोड़ा-बहुत बिहारी का प्रभाव दिखाई पड़ता है। (डॉ.बच्चन सिंह के अनुसार)

 

2. ‘रसप्रबोध’ (1741 ई.)

● दोहे छंद में रचित

● 1955 दोहे

● नायक-नायिका भेद का वर्णन

 

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