राजेन्द्र बाला घोष ( बंग महिला) का जीवन परिचय [Rajendra Bala Ghosh(bang mahila) jeevan ka parichay] ?? राजेन्द्र बाला घोष (बंग महिला) ?? ◆ जन्म :- 1882 ई., वाराणसी में ◆ मृत्यु :- 24 फरवरी 1949 ई. , मिर्जापुर में ◆ पिता का नाम :- रामप्रसन्न घोष ◆ माता का नाम :- नीदरवासिनी घोष ◆ बचपन का उपनाम :- ‘रानी’ और ‘चारुबाला’ ◆ पति का नाम :- पूर्णचन्द्र देव ◆ उनका परिवार वाराणसी का एक प्रतिष्ठित बंगाली परिवार था। ◆ इनके पूर्वज बंगाल से आकर वाराणसी में बस गए थे। ◆ हिन्दी भाषा में “बंग महिला ” के नाम से लिखती थीं। ◆ बंगला में ‘प्रवासिनी’ के नाम से लिखती थीं। ◆ हिंदी-नवजागरण की पहली छापामार लेखिका थीं। ★ आरम्भिक हिन्दी कहानी ‘दुलाईवाली’ की रचनाकार राजेन्द्र बाला घोष (बंग महिला) हैं। ★ ‘बंग – महिला’ को हिन्दी की प्रथम कहानी लेखिका स्वीकार किया जाता है। ★ ‘बंग-महिला’ ने बँगला की उच्च कोटि की कहानियों से हिन्दी जनता को परिचित कराया था। ★ राजेंद्रबाला घोष ने बंग महिला छद्म नाम से कुछ मौलिक कहानियों का सृजन किया। ★ राजेंद्रबाला घोष (बंग महिला) को हिंदी की पहली महिला कहानीकार स्वीकार किया जाता है। ★ राजेंद्रबाला घोष (बंग महिला) की प्रमुख कहानियाँः- √ चंद्रदेव से मेरी बातें’ (1904 ई.) सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित। √ ‘कुंभ में छोटी बहू (1906 ई.) √ ‘दुलाईवाली’ (1907 ई.) √ भाई-बहन (1908 ई.) ‘बाल-प्रभाकर’ पत्रिका में प्रकाशित। √ ‘दालिया’ (1909 ई.) √ हृदय परीक्षा(1915 ई.) ‘सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित। ? पढ़ना जारी रखने के लिए यहाँ क्लिक करे। ? Pdf नोट्स लेने के लिए टेलीग्राम ज्वांइन कीजिए। ? प्रतिदिन Quiz के लिए Facebook ज्वांइन कीजिए। 'दालिया' (1909 ई.) 'दुलाईवाली' (1907 ई.) 'बंग-महिला' ने बँगला की उच्च कोटि की कहानियों से हिन्दी जनता को परिचित कराया था। bang mahila bang mahila jeevan ka parichay] https://hindibestnotes.com/?p=1221&preview=true Rajendra Bala Ghosh Rajendra Bala Ghosh jeevan ka parichay] www.hindibestnotes.com आरम्भिक हिन्दी कहानी 'दुलाईवाली' की रचनाकार राजेन्द्र बाला घोष (बंग महिला) हैं। 'बंग - महिला' को हिन्दी की प्रथम कहानी लेखिका स्वीकार किया जाता है। इनके पूर्वज बंगाल से आकर वाराणसी में बस गए थे। उनका परिवार वाराणसी का एक प्रतिष्ठित बंगाली परिवार था। कुंभ में छोटी बहू (1906 ई.) चंद्रदेव से मेरी बातें' (1904 ई.) सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित। जन्म 1882 ई.वाराणसी में पति का नाम :- पूर्णचन्द्र देव पिता का नाम :- रामप्रसन्न घोष बंग महिला का जीवन परिचय बंगला में 'प्रवासिनी' के नाम से लिखती थीं। बचपन का उपनाम :- 'रानी' और 'चारुबाला' भाई-बहन (1908 ई.) ‘बाल-प्रभाकर’ पत्रिका में प्रकाशित। माता का नाम :- नीदरवासिनी घोष मृत्यु :- 24 फरवरी 1949 ई. मिर्जापुर में राजेंद्रबाला घोष (बंग महिला) को हिंदी की पहली महिला कहानीकार स्वीकार किया जाता है। राजेंद्रबाला घोष ने बंग महिला छद्म नाम से कुछ मौलिक कहानियों का सृजन किया। राजेन्द्र बाला घोष ( बंग महिला) का जीवन परिचय [Rajendra Bala Ghosh(bang mahila) jeevan ka parichay] राजेन्द्र बाला घोष का जीवन परिचय हिंदी साहित्य के नोट्स By PURAN MAL KUMHAR https://t.me/hindibestnotes हिंदी-नवजागरण की पहली छापामार लेखिका थीं। हिन्दी भाषा में "बंग महिला " के नाम से लिखती थीं। हृदय परीक्षा(1915 ई.) ‘सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित। 2022-04-04 Puran Mal Kumhar
2 comments
Pingback: दुलाई वाली कहानी(dulai wali kahani) - Hindi Best Notes.com
Pingback: चन्द्रदेव से मेरी बाते कहानी(chandradev se meri bate kahani) - Hindi Best Notes.com