? रीतिकाल में रचित पिंगल निरूपक ग्रंथ ?
● केशवदास :- छंदमाला
● चिन्तामणि :- पिंगल
● मतिराम :- छंदसार
● सुखदेव मिश्र :- वृत्तविचार
● भिखारीदास :- छंदार्णव
● नारायण दास :- छंदसार
● दशरथ :- वृत्त विचार
● नन्दकिशोर :- पिंगल प्रकाश
● रामसहाय :- वृत्त तरंगिणी
● हरिदेव :- छंदपयोनिधि
?रीतिकालीन पिंगल ग्रंथों की विशेषताएं:-
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इन ग्रंथों में छंदों के लक्षणों और विधानों का विस्तृत और वैज्ञानिक रूप से वर्णन किया गया है।
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इन ग्रंथों में छंदों के प्रयोगों का सुंदर उदाहरणों के माध्यम से निरूपण किया गया है।
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इन ग्रंथों ने रीतिकालीन काव्य में छंदों के प्रयोग को अधिक परिष्कृत और कलात्मक बनाया।
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