?रीतिकाल में रचित सर्वांग निरूपण ग्रंथ?
● सेनापति :- काव्य कल्पद्रुम
● चिन्तामणि :- कविकुलकल्पतरु
● चिन्तामणि :- काव्यविवेक
● कुलपति मिश्र :- रस-रहस्य
● देव :- शब्द रसायन
● सुरति मिश्र :- काव्यसिद्धान्त
● श्रीपति :- काव्यसरोज
● भिखारीदास :- काव्यनिर्णय
● सोमनाथ :- रसपीयूषनिधि
● कुमारमणि भट्ट :- रसिकरसाल
● रसिकगोविन्द :- रसिक गोविन्दानन्दघन
?रीतिकालीन सर्वांग निरूपण ग्रंथों की विशेषताएं:
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इन ग्रंथों में काव्य के समस्त अंगों का विस्तृत और गहन विवेचन किया गया है।
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इन ग्रंथों में काव्य के सिद्धांतों को सरल और सुबोध भाषा में समझाया गया है।
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इन ग्रंथों ने रीतिकालीन काव्य में रस, अलंकार और छंदों के प्रयोग को अधिक परिष्कृत और कलात्मक बनाया।
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