रेवंतगिरिरास का परिचय(Revantagiriras ka parichay) 🌺 रेवंतगिरिरास का परिचय 🌺 • रचयिता – विजयसेन सूरि • रचनाकाल – संवत् 1288 के लगभग (माता प्रसाद गुप्त के अनुसार ) • इसकी रचना सोरठ प्रदेश में भी हुई थी। • कुल छन्द – 62 छन्द • विषय – इसमें तीर्थंकर नेमिनाथ की प्रतिमा तथा रेवंतगिरी तीर्थ का वर्णन है ।यात्रा तथा मूर्ति की स्थापना घटनाओं पर आधारित है। • संपादन कार्य – श्री सी . डी. दलाल द्वारा । • पंक्ति – “कोयल कलयलो मोर के कारओ। सम्मए महुयर गुजारवो।।” 👉 पढ़ना जारी रखने के लिए यहाँ क्लिक करे। 👉 Pdf नोट्स लेने के लिए टेलीग्राम ज्वांइन कीजिए। 👉 प्रतिदिन Quiz के लिए Facebook ज्वांइन कीजिए। • रचयिता - विजयसेन सूरि • रचनाकाल - संवत् 1288 के लगभग (माता प्रसाद गुप्त के अनुसार ) • इसकी रचना सोरठ प्रदेश में भी हुई थी। • कुल छन्द - 62 छन्द https://hindibestnotes.com/--revantagiriras-ka-parichay/ रेवंतगिरिरास का परिचय(Revantagiriras ka parichay) 2024-05-28 Puran Mal Kumhar