लिंग की परिभाषा और हिन्दी में लिंग के प्रकार(definition of gender and types of gender in hindi)

    🌺 लिंग 🌺

* लिंग :- शब्द के जिस रूप या चिह्न से उसके पुरुष अथवा स्त्री जाति के होने का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं।

◆ लिंग के भेद:- हिंदी में लिंग के दो भेद होते हैं:

  • पुल्लिंग

  • स्त्रीलिंग

  • पुल्लिंग :- शब्द के जिस रूप या चिह्न से उसके पुरुषवाचक होने का बोध हो, उसे पुल्लिंग कहते हैं।

    जैसे: राजा, नर, शेर, आम, संतरा, केला, जंगल, हिमालय, देश, सूर्य, मंगलवार, बैल आदि।

  • स्त्रीलिंग :- शब्द के जिस रूप या चिह्न से उसके स्त्रीवाचक होने का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।

    जैसे: रानी, नारी, शेरनी, औरत, गंगा, यमुना, सरस्वती, पूर्णिमा, खटिया, रोटी, कबूतरी, भिंडी, गाय आदि।

  • पुल्लिंग की पहचान :-

    • अकारांत तत्सम संज्ञाएँ प्रायः पुल्लिंग होती हैं। जैसे- धन, जल, वचन, अक्षर, वन, पत्र, चित्र, मस्तक, पर्वत, उपवन, नगर, सागर, शासन, विभाग, निमंत्रित, आचरण, विवाह, धर्म, संदेश, जय आदि।

    • हिंदी की आकारांत संज्ञाएँ प्रायः पुल्लिंग होती हैं। जैसे-होती है। जैसे- बुढ़ापा, पहनावा, चिमटा, झगड़ा, पहिया, पैसा, ताँबा, सोना, लोहा, पराठा, हलुआ, गुस्सा, किस्सा, चश्मा, फोड़ा, पटाखा, चमड़ा, आदि।

    • पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे- हिमालय, विंध्याचल, सतपुड़ा, अरावली, रॉकी आदि।

    • देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे- भारत, जापान, रूस, इंग्लैंड, अमेरिका, जर्मनी, ईरान आदि।

    • प्रायः पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे- पीपल, बरगद, आम, शीशम, नीम आदि।

    • महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे- जनवरी, मार्च, मई, अप्रैल, जून, चैत, जेठ आदि।

    • ग्रहों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे- चंद्रमा, राहु, शुक्र, बृहस्पति आदि। (अपवाद-पृथ्वी)

    • वर्णमाला के अक्षर पुल्लिंग होते हैं। जैसे– क, ख, ग, घ, अ, आ, उ, ऊ, ओ, च, त, थ आदि (अपवाद-इ, ई, ऋ)

    • दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे- सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

  • स्त्रीलिंग की पहचान :-

  • इकारांत तत्सम संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं।

    जैसे- जाति, समिति, शक्ति, शांति, संधि, अग्नि, रीति,

    हानि, आदि। (अपवाद-कवि रवि)

  • हिंदी ईकारांत संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे- चाँदी, नदी, इलायची, बोली, हँसी आदि। (अपवाद-हाथी, मोती, घी पानी)

  • आकारांत तत्सम संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे- दया, कृपा, सभा, प्रार्थना, ईर्ष्या, भाषा, आशा, कला, अहिंसा, परीक्षा, शिक्षा, सेना, सूचना आदि।

  • उकारांत तत्सम संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे- वायु, आयु, ऋतु, वस्तु आदि।

  • भाषा, बोली, लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- हिंदी, उर्दू, पंजाबी, पहाड़ी, देवनागरी आदि।

  • तिथियों के नाम स्त्रीलिंग हैं। जैसे- पूर्णिमा, पंचमी, तीज, अमावस्या आदि।

  • नदियों व झीलों के नाम स्त्रीलिंग हैं। जैसे- गंगा, कावेरी, सरस्वती, यमुना, क्षिप्रा, नर्मदा, चिलका आदि। (अपवाद-सिंधु, ब्रह्मपुत्र)।

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