विश्व हिंदी सचिवालय(vishv hindi sachivalay)
• विश्व हिंदी केंद्र की स्थापना का विचार प्रस्तुत किया :- प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन (1975 , नागपुर) में (मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिवसागर रामगुलाम ने)
• विश्व हिंदी सचिवालय के निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए शिक्षा व वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय में सलाहकार के रूप में मॉरीशस सरकार ने :- डॉ. श्रीमती सरिता बुधु को नियुक्त किया। (5वां विश्व हिंदी सम्मेलन(अप्रैल 1996 में त्रिनिदाद व टोबैगो में) के बाद ।
• विश्व हिंदी सचिवालय की एक इकाई का गठन :- जून 1996 में , मॉरीशस में शिक्षा व वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय में (भारतीय उच्चायोग के माध्यम से भारत सरकार के सहयोग के साथ )
• विश्व हिंदी सचिवालय उद्देश्यों, संचालन और वित्तपोषण से संबंधित एक समझौता :- 20 अगस्त, 1999 को, पोर्ट लुइस, मॉरीशस में,(मॉरीशस सरकार व भारत सरकार ने किया)
*इस समझौता में भारत की तरफ से तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त श्री एम .एल . त्रिपाठी मौजूद थे।
* इस समझौता के तहत :-
विश्व हिंदी सचिवालय मुख्यालय निर्माण के लिए जमीन – मॉरीशस सरकार ने ज़मीन प्रदान की (फ़ेनिक्स में )
विश्व हिंदी सचिवालय भवन के प्रारूप तथा निर्माण के खर्च की ज़िम्मेदारी – भारत सरकार ने ली।
• विश्व हिंदी सचिवालय की अस्थायी कार्यालय स्थापना – 17 सितंबर, 2001 को(महासचिव- श्री अजामिल माताबदल)
• विश्व हिंदी सचिवालय का शिलान्यास :- 1 नवंबर 2001 को ,फ़ेनिक्स(मॉरीशस)में
• विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना व प्रबंधन से संबंधित अधिनियम पारित – 12 नवंबर, 2002 को (मॉरीशस सरकार द्वारा)
• विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना का उद्देश्य :-
1. हिंदी का अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रचार
2. हिंदी को संयुक्त राष्ट्रसंघ की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए
• विश्व हिंदी सचिवालय का आधिकारिक कार्यारंभ –
• 11 फरवरी, 2008 को ( महासचिव डॉ. श्रीमती विनोद बाला अरुण तथा उप-महासचिव डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र के नेतृत्व में )
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