विश्व हिंदी सम्मेलन(vishv hindi sammelan)

विश्व हिंदी सम्मेलन हिंदी भाषा का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है ।
• प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन की संकल्पना राष्ट्र भाषा प्रचार समिति वर्धा द्वारा वर्ष 1973 में की गई।
[ ] पहला विश्व हिंदी सम्मेलनः-
• 10 से 14 जनवरी 1 975 को
• आयोजन :- नागपुर में
• सम्मेलन का आयोजन :- राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, वर्धा के तत्वाधान में (इसके अध्यक्ष – मधुकर राव चौधरी)
• आयोजन समिति के अध्यक्ष :- उपराष्ट्रपति बी डी जत्ती
• सम्मेलन की थीम :- वसुधैव कुटुंबकम ( यह बोध वाक्य का प्रथम चार सम्मेलन तक रहा)
• सम्मेलन के मुख्य अतिथि :- शिवसागर रामगुलाम (मॉरीशस के राष्ट्रपति)
• सम्मेलन के सम्मेलन में भाग लेने वाले कुल प्रतिनिधि :- 122(30 देशों के)
• सम्मेलन में पारित किए गए :-
1. यू .एस .ए. में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान ।
2. विश्व हिंदी सम्मेलन को स्थायित्व प्रदान करने की ठोस योजना बनायी जाये।
3. विश्व हिंदी विद्यापीठ की (वर्धा में)स्थापना हो ।

[ ] दूसरा विश्व हिंदी सम्मेलन :-
• 28 से 30 अगस्त 1976 को
• आयोजन :- मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में
• आयोजन समिति के अध्यक्ष :- डॉ सर शिवसागर रामगुलाम (मॉरीशस के प्रधानमंत्री)
• सम्मेलन में डॉ कर्ण सिंह सहित 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत की ओर से भाग लिया।(डॉ कर्ण सिंह तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन मंत्री)
• सम्मेलन में 17 देशों के 181 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।
• सम्मेलन की थीम :- वसुधैव कुटुंबकम
• सम्मेलन में पारित हुआ:-
1. मॉरीशस में एक विश्व हिंदी केंद्र की स्थापना की जाए ।
2. अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए।
3. हिंदी को संयुक्त राष्ट्रीय में एक अधिकारी भाषा के रूप में स्थान मिले ।

[ ] तीसरा विश्व हिंदी सम्मेलन:-
• 28 से 30 अक्टूबर 1983 को
• आयोजन :- दिल्ली (भारत)
• आयोजन समिति का अध्यक्ष :- तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़
• मॉरिशस से आये प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया जिसके नेता :- हरीश बुधू
• कुल प्रतिनिधियों की संख्या:- 6566(260 विदेशों से आए प्रतिनिधि)
• सम्मेलन की थीम :- वसुधैव कुटुंबकम
• सम्मेलन में पारित:-
1. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्थाई समिति गठित किया जायेगा।यह समिति विगत दो सम्मेलनों में पारित संकल्पों की पुष्टि करेगी।
2. विश्व हिंदी विद्यापीठ (वर्धा ) स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दिया जाए।
3. अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के प्रचार – प्रसार की संभावनाओं का पता लगाया जाये।

[ ] चौथा विश्व हिंदी सम्मेलन :-
• 2 से 4 दिसंबर 1993 को
• आयोजन:- पोर्ट लुई (मॉरीशस की राजधानी)
• आयोजन समिति के अध्यक्ष :- मुक्तेश्वर चुन्नी (मॉरीशस की कला,संस्कृति, अवकाश एवं सुधार संस्था मंत्री)
• भारत से गये प्रतिनिधिमंडल के नेता :- मधुकर राव एवं उपनेता :- रामलाल राही
• 200 प्रतिनिधियों भाग लिया।
• सम्मेलन की थीम :- वसुधैव कुटुंबकम
• सम्मेलन में पारित :-
1. विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस में स्थापित किया जाए ।
2. भारत में अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना किया जाए।
3. विभिन्न विश्वविद्यालयों में हिंदी पीठ खोली जाए।
4. हिंदी को विश्व मंच पर उचित स्थान दिलाने का विशेष प्रयत्न।
5. सम्मेलन के सभी प्रतिनिधि देश संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को अधिकारिक भाषा बनाने का समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करें ।

[ ] पांचवा विश्व हिंदी सम्मेलन :-
• 4 से 8 अप्रैल 1993 को
• आयोजन :- पोर्ट ऑफ स्पेन( ट्रिनिडाड एवं टोबंगो की राजधानी)
• आयोजन समिति के अध्यक्ष :- श्री चंका सीताराम
• सम्मेलन में भाग लेने वाले भारतीय प्रतिनिधि नेता:- माता प्रसाद (अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल)
• सम्मेलन की थीम :- अप्रवासी भारतीय और हिंदी
• 257 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
• सम्मेलन में पारित किया गया :-
1. विश्वव्यापी भारतवंशी समाज हिंदी को अपनी संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करेगा।
2. अप्रवासी भारतीयों के लिए हिंदी के अध्ययन – अध्यापन व्यवस्था करें ।
3. मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना के लिए भारत में एक अंतर – समिति बनाई जाए।

[ ] छठवां विश्व हिंदी सम्मेलन :-
• 14 से 18 सितंबर 1999 को
• आयोजन :- लंदन(ब्रिटेन)
• आयोजन समिति के अध्यक्ष :- डॉ कृष्ण कुमार
• आयोजन समिति के संयोजक :- डॉ पद्मेश गुप्त
• सम्मेलन की थीम :- हिंदी और भावी पीढ़ी
• सम्मेलन में भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल के नेता :-वसुंधरा राजे (विदेशी राज्यमंत्री) एवं उप नेता डॉ. विद्यानिवास मिश्र (साहित्यकार)
• सम्मेलन में 700 प्रतिनिधि भाग लिया।(21 देशों के)
• इस सम्मेलन में ऐतिहासिक महत्व है:-
1. हिंदी को राजभाषा बनाए रख बनाए जाने की 50वां वर्ष
2. संत कबीर की 6वीं जन्मशती वर्ष
• सम्मेलन में पारित किया गया :-
1. हिंदी को संयुक्त राष्ट्र में मान्यता दी जाए ।
2. नई पीढ़ी में हिंदी को लोकप्रिय बनाने के लिए आवश्यक पहल की जाए।
3. मॉरीशस में शीघ्र विश्व हिंदी सचिवालय स्थापित की करें ।

[ ] सातवां विश्व हिंदी सम्मेलन:-
• 5 से 9 जून 2003 को
• आयोजन :- पारामारिबो( सुरीनाम की राजधानी)
• आयोजन समिति के अध्यक्ष :- जानकी प्रसाद सिंह
• सम्मेलन के शुभारंभ कर्ता :- रोनाल्डो रोनाल्ड वेनेत्शिया
• सम्मेलन में भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल के नेता:- दिग्विजय सिंह( विदेश राज्य मंत्री )
• भारत के 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
• 12 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
• सम्मेलन की थीम :- विश्व हिंदी – नई शताब्दी की चुनौतियां
• सम्मेलन में पारित किया गया :-
1. विश्व हिंदी दिवस का आयोजन हो।
2. कैरिबियन हिंदी परिषद की स्थापना हो ।
3. संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषाएं बनाई जाए ।
4. विदेशों विश्वविद्यालय में हिंदी पीठ की स्थापना की जाए।
5. हिंदी पाठ्यक्रम में विदेशी हिंदी लेखकों की रचनाओं को शामिल किया जाए।
6. सूरीनाम में हिंदी शिक्षण की व्यवस्था की जाए।
7. भारतीय मूल के लोगों के बीच हिंदी के प्रयोग के प्रभाव उपाय किए जाए ।

[ ] आठवां विश्व हिंदी सम्मेलन :-
• 13 से 15 जुलाई 2007 को
• आयोजन :- न्यायॉर्क (अमेरिका)
• सम्मेलन की थीम :- विश्व मंच पर हिंदी
• सम्मेलन में स्वागत भाषण देने वाला :- रोनेन सेन(भारत के राजदूत)
• सम्मेलन में पारित किया गया :-
1. विश्व मंच पर हिंदी वेबसाइट बनाई जाए ।
2. विदेशों में हिंदी एक का अध्ययन करने वाली शिक्षण संस्थाओं का डेटाबेस बनाया जाए।
3. हिंदी के शिक्षकों को मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था की जाए।
4. हिंदी में सूचना प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के प्रभावी उपाय किए जाए।
5. हिंदी को साहित्य के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान – विज्ञान और वाणिज्य की भाषा बनाई जाए।
6. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा) में विदेशों हिंदी विद्वानों के अनुसंधान के लिए शोधवृत्ति की व्यवस्था की जाए ।

[ ] नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन:-
• 22 से 24 सितंबर 2012 को
• आयोजन:- जॉनसनबर्ग (दक्षिण अफ्रीका में)
• सम्मेलन में विशेष अतिथि :- मुकेश्वर चुन्नी (मॉरीशस के )
• सम्मेलन में 22 देशों के 600 से अधिक प्रतिनिधि ने भाग लिया।(इसमें 300 प्रतिनिधि भारत की ओर से शामिल हुए )
• सम्मेलन की थीम :- भाषा की अस्मिता और हिंदी का वैश्विक संदर्भ
• सम्मेलन में पारित किया गया :-
1. विश्व हिंदी सचिवालय विश्व भर में हिंदी विद्वानों, लेखकों तथा हिंदी के प्रचार – प्रसार में संबद्ध लोगों का भी एक डाटाबेस तैयार करें।
2. विदेशों में हिंदी शिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा)को अधिकृत किया जाए।
3. दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन भारत मेंआयोजित किया जाए ।
4. दो विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के बीच यथासंभव अधिकतम 3 वर्ष का अंतराल हो ।

[ ] दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन :-
• 10 से 22 सितंबर 2015 को
• आयोजन :- भोपाल (मध्य प्रदेश)
• सम्मेलन की थीम :- हिंदी जगत – विस्तार एवं संभावनाएं
• सम्मेलन में पारित किया गया :-
1. 11वां विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन 2018 में मॉरिशस में किया जाए ।
2. विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान देश – विदेश में आए अनेक विद्वानों,हिंदी मनीषियों एवं अन्य प्रतिभाशाली विशेषज्ञों ने 12 चयनित विषयों पर समानांतर सत्रों में गहन चर्चा के पश्चात जो अनुशंसाएं की है, विदेश मंत्रालय एक विशेष समीक्षा समिति गठित कर उन अनुशंसाएं को यथोचित कार्यवाही हेतु विभिन्न मंत्रालय एवं विभागों को अग्रेषित करें ।

 ग्यारह वां हिंदी विश्व सम्मेलन:-
• 10 से 20 अगस्त 2018 को
• आयोजन :- गोस्वामी तुलसी नगर (मॉरिशस)
• सम्मेलन स्थल :- स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय सभागार में
• सम्मेलन में उद्घाटन समारोह में शामिल प्रस्तावना रखी :- सुषमा स्वराज(भारत की विदेश मंत्री)
• सम्मेलन में उद्घाटन के प्रथम भाषण दिया :- प्रवीण कुमार (मॉरीशस के प्रधानमंत्री) बाद में भाषण दिए :- लीला देवी(मॉरीशस के शिक्षा मंत्री)
• भारत के मुख्य प्रतिनिधि जिन्होंने सम्मेलन में भाग लिया :- एम.जे.के अकबर (भारत विदेश राज्य मंत्री), केशरी नाथ त्रिपाठी (पश्चिम बंगाल के राज्यपाल) और मृदुला सिन्हा (लेखिका व गोवा की राज्यपाल )
• 20 देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।
• सम्मेलन की थीम :- हिंदी विश्व और भारतीय संस्कृति
• सम्मेलन में विश्व हिंदी सचिवालय की वार्षिक पत्रिका “विश्व हिंदी साहित्य” के प्रवेशांक का विमोचन किया जाए ।
• अगला विश्व हिंदी सम्मेलन:- देवास (मध्य प्रदेश) में प्रस्तावित

क्रम संख्या

तिथि

स्थान

थीम

1.

10 से 14 जनवरी 1975

नागपुर भारत

वसुधैव कुटुंबकम

2.

28 से 30 अगस्त 1976

पोर्ट लुई (मॉरीशस की राजधानी)

वसुधैव कुटुंबकम

3.

28 से 30 अक्टूबर 1983

नई दिल्ली भारत

वसुधैव कुटुंबकम

4.

2 से 4 दिसंबर 1993

 पोर्ट लुई (मॉरीशस की राजधानी)

वसुधैव कुटुंबकम

5.

4 से 8 अप्रैल 1996

पोर्ट ऑफ स्पेन (ट्रिनिडाड एवं टोबंगो की राजधानी)

अप्रवासी भारतीयऔर हिंदी

6.

14 से 18 सितंबर 1999

लंदन(ब्रिटेन)

हिंदी और भावी पीढ़ी

7.

5 से 9 जून 2003

पारामारिबो

( सुरीनाम की राजधानी)

विश्व हिंदी नई शताब्दी की चुनौतियां

8.

13 से 15 जुलाई 2007

न्यूयॉर्क (अमेरिका)

विश्व मंच पर हिंदी

9.

22 से 24 सितंबर 2012

जॉनसनबर्ग (दक्षिण अफ्रीका में)

भाषा की अस्मिता और हिंदी की वैश्वीकरण संदर्भ

10.

10 से 12 सितंबर 2015

भोपाल (भारत)

हिंदी जगत विस्तार  एवं संभावनाएं

11.

10 से 20 अगस्त 2018

गोस्वामी तुलसी नगर मोरिशियस

हिंदी विश्व और भारतीय संस्कृति

12.

2021 में प्रस्तावित

देवास मध्य प्रदेश भारत

13.

14.

15.

16.

17.

18.

19.

20.

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