🌺साहित्यिक पुस्तकें केवल चार हैं-
1. विजयपाल रासो
2. हम्मीर रासो
3. कीर्तिलता
4. कीर्तिपताका
🌺देशभाषा काव्य की आठ पुस्तकें प्रसिद्ध हैं—
5. खुमान रासो
6. वीसलदेव रासो
7. पृथ्वीराज रासो
8. जयचंदप्रकाश
9. जयमयंक जस चंद्रिका
10. परमाल रासो (आल्हा का मूल रूप)
11. खुसरो की पहेलियाँ आदि
12. विद्यापति पदावली ।
● इन्हीं बारह पुस्तकों की दृष्टि से ‘ आदिकाल’ का लक्षणनिरूपण और नामकरण हो सकता है। इनमें से अंतिम दो तथा बीसलदेव रासो को छोड़कर शेष सब ग्रंथ वीरगाथात्मक ही हैं।
● अतः आदिकाल का नाम ‘वीरगाथा काल’ ही रखा जा सकता है। जिस सामाजिक या राजनीतिक परिस्थिति की प्रेरणा से वीरगाथाओं की प्रवृत्ति रहीं है, उसका सम्यक् निरूपण पुस्तक में कर दिया गया है