◆ विद्यारैदास की और कबीर का धर्म कुंभनदास के गुरु ने दिये।
1. विद्यापति – 1380 ई.
2. रैदास – 1388 ई. ( डॉ. रामकुमार वर्मा के अनुसार)
3. कबीर दास– 1398 ई.
4. धर्मदास – 1418 ई.
5. कुंभनदास – 1468 ई.
6. गुरूनानक – 1469 ई.
◆ सूरपरमानंद प्राप्त करने के लिए जासीकृष्णा एवं मीरा के पास।
1. सूरदास – 1478 ई.
2. परमानंददास – 1491 ई.
3. जायसी – 1492 ई.
4. कृष्णदास – 1495 ई.
5. मीरा – 1498 ई.
◆ गोविंद का छीतचतुर , तुलसी का नंददयालु एवं रज्जबरस की खान है।
1. गोविंददास – 1505 ई.
2. छीतस्वामी – 1515 ई.
3. चतुर्भुजदास – 1530 ई.
4. तुलसीदास – 1532 ई.
5. नंददास – 1533 ई.
6. दादूदयाल – 1544 ई.
7. रज्जब – 1546 ई.
8. रसखान – 1548 ई.
◆ केशव और रहीम को मालूम है कि बिहार का प्राकृतिक दृश्य सुंदर होता है।
1. केशवदास – 1555 ई.
2. रहीमदास – 1556 ई.
3. मलूकदास – 1574 ई.
4. बिहारी – 1595 ई.
5. सुंदरदास – 1596 ई.
◆ चिंता है भूषण और मतिराम को वृंदावन के घनानंद देवकुलपति से मिलने की।
1. चिंतामणि – 1609ई.
2. भूषण – 1613 ई.
3. मतिराम – 1617 ई.
4. वृन्द – 1643 ई.
5. देव – 1673 ई.
6. घनानंद – 1673 ई.
7. कुलपति मिश्र– 1686 ई.
◆ सदैवबोधा पद्माकर से ज्ञान करने के लिए लल्लूठाकुर के सदल में रहता है।
1. सदा सुख लाल ‘नियाज’– 1746 ई.
2. बोधा – 1747 ई.
3. पद्माकर – 1753 ई.
4. लल्लू लाल – 1763 ई.
5. सदल मिश्र – 1767 ई.
6. ठाकुर – 1766 ई.
◆ द्विज राजा (शिव एवं लक्ष्मण) की श्रद्धाबाल कृष्ण के रूप में भारतेन्दु को अच्छी लगती है।
1. द्विज – 1820 ई.
2. राजा शिव प्रसाद सितारे ‘हिन्द’ –1823 ई.
3. राजा लक्ष्मण सिंह – 1826 ई.
4. श्रद्धाराम फिल्लौरी– 1837 ई.
5. बालकृष्ण भट्ट – 1844 ई.
6. भारतेंदु – 1850 ई.
7. मोहन लाल विष्णुलाल पाण्ड्या – 1850 ई.
◆ बदरीप्रताप नारायणगहमरी स्थान पर रहता है।
1. बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन‘ – 1855 ई.
2. प्रताप नारायण मिश्र -1856 ई.
3. गोपाल राम गहमरी– 1856 ई.
◆ ठाकुर जगमोहन सिंह ने अंबिका और शंकरश्रीधर का मंदिर बनवाया।
1. ठाकुर जगमोहन सिंह– 1857 ई.
2. अंबिकादत्त व्यास – 1858 ई.
3. नाथूराम शर्मा ‘शंकर’ – 1858 ई.
4. श्रीधर पाठक – 1860 ई.
◆ देव की कृपा महावीर पर है।
1. देवकीनंदन खत्री – 1861 ई.
2. महावीर प्रसाद द्विवेदी – 1864 ई.
◆ बालमुकुंद ने राधा कृष्ण का किशोरावस्था रूप हरिऔध स्थान पर देखा। (1865 ई. )
1. बालमुकुंद गुप्त– 1865 ई.
2. राधाकृष्ण दास – 1865 ई.
3. किशोरलाल गोस्वामी– 1865 ई.
4. हरिऔध – 1865 ई.
◆ लालाभगवानदीन ने जगन्नाथ का मंदिर 1866 ई.में बनवाया।(1866 ई.)
1. लाला भगवानदीन – 1866 ई.
2. जगन्नाथ दास रत्नाकर– 1866 ई.
◆ श्याम का सुंदर देखने प्रेमचन्द्र एवं आचार्य रामचंद्र शुक्लमैथिला के गुलाब राय से गुलेरी में मिले।
1. श्यामसुंदर दास – 1875 ई.
2. मुंशी प्रेमचंद– 1880 ई.
3. रामनरेश त्रिपाठी – 1881 ई.
4. चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी‘- 1883 ई.
5. आचार्य रामचंद्र शुक्ल – 1884 ई.
6. मैथिलीशरण गुप्त1886 ई.
7. बाबू गुलाब राय– 1888 ई.
◆ जयशंकर ने माखन लाकर राजा राधिकारमणप्रसाद को दिया।
1. जयशंकर प्रसाद – 1889 ई.
2. माखन लाल चतुर्वेदी – 1889 ई.
3. राजा राधिकारमणप्रसाद सिंह – 1890 ई.
◆ चतुरकौशिक ने मुकुट बनाने का काम 1891 ई. में पूर्ण किया। (1891ई.)
1. चतुरसेन शास्त्री – 1891ई.
2. विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’– 1891ई.
3. मुकुटधर पाण्डेय – 1891ई.
4. सरदार पूर्ण सिंह– 1891ई.
◆ राहुल 1893ई. से शिव की पूजा करते हैं। (1893ई.)
1. राहुल सांस्कृत्यायन – 1893ई.
2. शिवपूजन सहाय– 1893 ई.
◆ वियोगी हरि और सेठ गोविंददास ने बेनीपुर में सूर्य भगवान का दर्शन किया। (1896 ई.)
1. वियोगी हरि -1896 ई.
2. सेठ गोविंददास -1896 ई.
3. रामवृक्ष बेनीपुर-1896ई.
4. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला‘ -1896 ई.
5. सुदर्शन -1896 ई.
◆ बाल कृष्ण और उदय शंकर ने भगवती की पूजा की।
1. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’– 1897 ई.
2. उदयशंकर भट्ट– 1898 ई.
3. भगवती प्रसाद वाजपेयी – 1899 ई.
◆ पंत 1900 ई. से बेचैन रहने लगे।
1. सुमित्रा नन्दन पंत – 1900 ई.
2. पं. बेचन शर्मा’उग्र’ – 1900 ई.
◆ यशपाल को तीन दिन में यश अर्जित किया लेकिन रामकुमार और जैनेन्द्र ने पांच दिन में यश प्राप्त किया।
1. यशपाल -1903ई.
2. रामकुमार वर्मा -1905 ई.
3. जैनेन्द्र -1905 ई.
◆ नंद दुलारे वाजपेयी – 1906 ई.
◆ महादेवी के हजारहरिवंश साथ रहते हैं।(1907 ई.)
1. महादेवी वर्मा – 1907 ई.
2. हजारीप्रसाद द्विवेदी – 1907 ई.
3. हरिवंशराय बच्चन – 1907 ई.
◆ दिनकर का हरि कृष्ण से प्रेम 8 दिन रहा।(1908 ई.)
1. रामधारी सिंह दिनकर -1908 ई.
2. हरिकृष्ण प्रेमी– 1908 ई.
◆ नागार्जुन और उपेंद्र नाथ को भगवत ने 10 दिन अपनी शरण में रखा।(1910 ई.)
1. नागार्जुन – 1910 ई.
2. उपेंद्रनाथ – 1910 ई.
3. भगवतशरण उपाध्याय – 1910 ई.
◆ शमशेर की आज्ञा से 11 दिन अज्ञेयकेदारनाथ में रहा। (1911 ई.)
1. शमशेर बहादुर सिंह – 1911ई.
2. अज्ञेय – 1911ई.
3. केदारनाथ अग्रवाल – 1911ई.
◆ विष्णु प्रभाकर ने रामविलास मे एक दर्जन(12) मकान बनवाये। (1912 ई.)
1. विष्णु प्रभाकर – 1912 ई.
2. रामविलास शर्मा– 1912 ई.
◆ भीष्म ने 15 दिन बाद रामेश्वर जाने की प्रतिज्ञा की।
1. भीष्म साहनी – 1915 ई.
2. रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल‘ – 1915 ई.
◆ नलिन विलोचन 16 दिन बाद अमृत ग्रहण किया।
1. नलिन विलोचन शर्मा – 1916 ई.
2. अमृतलाल नागर – 1916 ई.
◆ मुक्तिबोध और प्रभाकर ने मथुरा के त्रिलोचन जगदीश मन्दिर का एक साथ दर्शन किये। (1917 ई.)
1. मुक्तिबोध – 1917 ई.
2. प्रभाकर – 1917 ई.
3. त्रिलोचन – 1917 ई.
4. जगदीश चंद्र माथुर – 1917 ई.
◆ रेणु ने 21 दिन तक अमृत जल पिया।
1. फणीश्वरनाथ रेणु – 1921 ई.
2. अमृत राय – 1921 ई.
◆ नरेश मेहता और लक्ष्मीकांत को शकुन्तला से मिलने में 22 दिन लगे।
1. नरेश मेहता – 1922 ई.
2. लक्ष्मीकांत वर्मा – 1922 ई.
3. शकुन्तला माथुर – 1922 ई.
◆ रांगेय ने शिवानी और शशि का प्रभाव 23 दिन बाद दिखायी दिया।
1. रांगेय राघव – 1923 ई.
2. शिवानी – 1923 ई.
3. शशिप्रभा शास्त्री – 1923 ई.
◆ हरिशंकर की 24 दिन विवेक से साही ने भक्ति की।
1. हरिशंकर परसाई – 1924 ई.
2. विवेकीराय – 1924 ई.
3. विजय देवनारायण साही – 1924 ई.
◆ श्रीलाल ने मोहन राकेश के साथ 25 दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया।
1. श्रीलाल शुक्ल – 1925 ई.
2. मोहन राकेश – 1925 ई.
3. कृष्णा सोबती – 1925 ई.
◆ नामवर सिंह ने 26 धर्मवीरों के नाम बताये।
1. नामवर सिंह – 1926 ई.
2. धर्मवीर भारती – 1926 ई.
◆ कुंवर नारायण 27 दिन तक सभी पर दया की।
1. कुंवर नारायण – 1927 ई.
2. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना – 1927 ई.
◆ राजेंद्र और रघुवीर ने निर्मल स्थान पर 29 पेड़ लगाये।
1. राजेंद्र यादव – 1929 ई.
2. रघुवीर सहाय – 1929 ई.
3. निर्मल वर्मा – 1929 ई.
◆ महीप और दीप्ति ने 30वां जन्मदिन मनाया।
1. महीप सिंह – 1930 ई.
2. दीप्ति खण्डेलवाल – 1930 ई.
◆ शरद ऋतु के उषा काल में मन्नु 31 कुबेर लेकर आयी।
1. शरद जोशी – 1931ई.
2. उषाप्रियवंदा – 1931 ई.
3. मन्नु भण्डारी – 1931 ई.
4. कुबेरनाथ राय – 1931 ई.
◆ मार्केण्डेय ने केदारनाथ में कमल की 32 प्रजातियाँ बतायी।
1. मार्केण्डेय – 1932 ई.
2. केदारनाथ सिंह – 1932 ई.
◆ गिरिराज में दूध नाथ सिंह 36 रहे।
1. गिरिजा कुमार माथुर – 1936 ई.
2. दूध नाथ सिंह -1936 ई.
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