हिंदी साहित्य में कई कवियों को “बादशाह” के रूप में सम्मानित किया गया है, कुछ मुख्य हैं:
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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’: सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ को हिंदी साहित्य का एक महान कवि माना जाता है और उन्हें “नीले परियावल” का बादशाह कहा गया है।
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महादेवी वर्मा: महादेवी वर्मा को “मोदेर्न मीरा” और “रानी की भाषा” के रूप में जाना जाता है।
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जयशंकर प्रसाद: जयशंकर प्रसाद को हिंदी कविता का बादशाह माना जाता है, जिनकी कविताएं गहरे भावनाओं और साहसिकता से भरी होती हैं।
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माखनलाल चतुर्वेदी: माखनलाल चतुर्वेदी को “बिहार के बादशाह” कहा जाता है, जिनकी कविताएँ भाषा की सुंदरता और गहराई के लिए प्रसिद्ध हैं।
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रामधारी सिंह ‘दिनकर’: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को “राष्ट्रकवि” के रूप में सम्मानित किया जाता है, जिनकी कविताएं देशप्रेम और राष्ट्रीय उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करती हैं।
• आर्या के बादशाह:- गोवर्धन
• गाथा के बादशाह :- हाल कवि
• रूपको का बादशाह :- तुलसीदास (लाला भगवान दीन और बच्चनन सिंह के अनुसार)
• अनुप्रास का बादशाह :- तुलसीदास (आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार )
• उत्प्रेक्षा के बादशाह :- तुलसीदास(डॉ. उदय भानु सिंह के अनुसार)
• विरोधाभास का बादशाह :- घनानंद
• उत्प्रेक्षा का बादशाह:- जायसी
• उपमा के बादशाह :- देव
• श्लेष का बादशाह :- सेनापति
• प्रश्नोत्तरी शैली या संवाद शैली के बादशाह :- केशवदास
• कवि सम्मेलनों के बादशाह :- गयाप्रसाद गुप्त
• हरिगीतिका छंद के बादशाह :- मैथिलीशरण गुप्त