?हिन्दी भाषा का सर्वप्रथम समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’?
* उदन्त मार्तण्ड’ का हिंदी में शाब्दिक अर्थ होता है- उगता सूरज। इस अखबार की शुरुआत कलकत्ता के बड़ा बाजार के पास 27,अमर तल्ला लेन, कोलूटोला में शुरू हुआ था। उस वक्त अंग्रेजी फारसी और बांग्ला भाषा में पहले से कई अखबार-मैगजीन निकलते थे लेकिन हिंदी में एक भी समाचार पत्र नहीं निकल रहा था।
* पंडित जुगल किशोर शुक्ल की कड़ी मेहनत और कोशिश के बाद साप्ताहिक हिंदी अखबार उदन्त मार्तण्ड निकलाने के लिए गवर्नर जनरल की ओर से उन्हें 19 फरवरी 1826 को अनुमति मिली थी।
* 30 मई 1826 को हिंदी भाषा में ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नाम से पहला समाचार पत्र निकाला गया था। इसलिए इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। ‘उदन्त मार्तण्ड’ के प्रकाशक और संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल थे। पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 30 मई 1826 को कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) उदन्त मार्तण्ड हिंदी साप्ताहिक अखबार निकाली थी। हिंदी पत्रकारिता में पंडित जुगल किशोर शुक्ल का बेहद अहम योगदान था। ये मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले थे और कलकत्ता में वकील थे। जुगल किशोर शुक्ल पत्रकारिता को भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में बनाने में मदद की है।
* उदन्त मार्तण्ड एक साप्ताहिक अखबार था और हर मंगलवार को प्रकाशित होता था। यह पुस्तक के प्रारूप में छपता था। ‘उदन्त मार्तण्ड’ की शुरुआत 500 प्रतियों के साथ हुई थी।
* उदन्त मार्तण्ड खड़ी बोली और ब्रज भाषा के मिले-जुले रूप में प्रकाशित होता है। इसकी लिपि देवनागरी थी।
* उदन्त मार्तण्ड प्रकाशन की शुरुआत के लगभग एक साल बाद ही ये आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। हिंदी भाषी पाठकों की कमी के अखबाद को ज्यादा पाठक नहीं मिल पा रहे थे। कलकत्ता में हिंदी पाठकों की कमी थी, ऐसे में हिंदी भाषी राज्यों में अखबार को डाक द्वारा भेजना पड़ता था, जो कि काफी महंगा था। पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने ब्रिटिश सरकार से काफी अनुरोध किया कि वे डाक दरों कुछ छूट दें, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
* आर्थिक तंगी की वजह से ‘उदन्त मार्तण्ड’ की सिर्फ 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए थे। अखबार आखिरकार 4 दिसंबर 1827 को बंद करना पड़ा था