16वीं शताब्दी में केशव नाम के दो आचार्य हुये[16vi shatabdi me keshav nam ke do aachary huye]

16वीं शताब्दी में केशव नाम के दो आचार्य हुये

आचार्य केशव मिश्र :- अलंकारशेखर नामक शास्त्रीय ग्रन्थ लिखा (संस्कृत में ग्रन्थ रचना की)

आचार्य केशवदास :- कविप्रिया एवं रसिक- प्रिया नामक काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों की रचना की। (हिंदी में ग्रन्थ रचना की )
● आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने केशव को भक्तिकाल के अंतर्गत रखा है, तथापि काव्य प्रवृत्ति के अनुसार ये रीतिकाल के रीतिबद्ध कवि हैं
● केशवदास सनाढ्य ब्राह्मण कृष्णदत्त के पौत्र तथा काशीनाथ के पुत्र थे तथा ओरछा नरेश राजा रामसिंह के बड़े भाई इंद्रजीत सिंह की सभा में रहते थे जहाँ इन्हें बड़ा आदर प्राप्त था।

 

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