महत्वपूर्ण तथ्य

साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार 2024(Sahitya Akademi bal Literature Award 2024)

?साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार 2024? ◆ पुरस्कार उन पुस्तकों से संबंधित :– जो पुरस्कार वर्ष के तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष के अंतिम पाँच वर्षों में (अर्थात् 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के मध्य) प्रथम बार प्रकाशित हुई हैं। ◆ पुरस्कार राशि :- एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और 50,000/- रु. की राशि ?अंग्रेज़ी में :- ◆ नंदिनी सेनगुप्ता ◆ इस ...

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साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2024( Sahitya Akademi Yuva Puraskar 2024)

?साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2024? ◆ पुरस्कार उन पुस्तकों से संबंधित :– जो पुरस्कार वर्ष के तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष के अंतिम पाँच वर्षों में (अर्थात् 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के मध्य) प्रथम बार प्रकाशित हुई हैं। ◆ पुरस्कार राशि :- एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और 50,000/- रु. की राशि   ?अंग्रेज़ी में :– ◆ के वैशाली ◆ इस ...

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ऑक्सफोर्ड 500 साल पुरानी संत तिरुमंगई आलवार की प्रतिमा लौटाएगी

? ऑक्सफोर्ड 500 साल पुरानी संत तिरुमंगई आलवार की प्रतिमा लौटाएगी? ● ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भारत को 500 वर्ष पुरानी कांसे की एक प्रतिमा लौटाने वाली है। ● संत तिरुमंगई आलवार की यह प्रतिमा 16वीं सदी में तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी हो गई थी। ? संत तिरुमंगै आलवार के संबंध में जानकारी? ● संत तिरुमंगई अलवार दक्षिण ...

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पृथ्वीराज रासो के संबंध में विद्वानों के विचार(Prithviraj Raso ke sambandh mein vidvanon ke vichar)

?पृथ्वीराज रासो के संबंध में विद्वानों के विचार?   ?पृथ्वीराज रासो (चन्दबरदायी)[68 प्रकार के छंद]   ◆ शुक– शुकी संवाद [तोता – मैना] (हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा)   ◆  छंदों का अजायबघर(शिवसिंह सेंगर ने कहा)   ◆ हिंदी का व्रत महाभारत (दशरथ शर्मा ने कहा)   ◆ राजनीति की महाकाव्यात्मक त्रासदी(डॉ.नगेंद्र ने कहा)   ? पढ़ना जारी रखने के ...

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अंधेरे में कविता के संबंध में विद्वानों के विचार(andhere mein kavita ke sambandh mein vidvanon ke vichar)

? अंधेरे में कविता के संबंध में विद्वानों के विचार ?   ? अंधेरे में कविता  मुक्तिबोध    ◆ आधुनिक जन इतिहास का स्वतंत्रता से पूर्व और पश्चात् का एक दहकता इस्तापी दस्तावेज –(शमशेर बहादुर सिंह)   ◆ अस्मिता की खोज की बात (नामवर सिंह ने कहा)   ◆ अपराध भावना का अनुसंधान,आरक्षित जीवन की कविता (रामविलास शर्मा)   ◆ आत्म संशोधन ...

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कामायनी महाकाव्य के संबंध में विद्वानों के विचार(Kamayani mahakavy ke sambandh mein vidvanon ke vichar)

?कामायनी महाकाव्य के संबंध में विद्वानों के विचार? ?कामायानी (1935,जयशंकर प्रसाद)   ◆ मानवता का रसात्मक इतिहास ( नंददुलारे वाजपेयी)   ◆ मानव चेतना के विकास का महाकाव्य (डॉ. नगेंद्र)   ◆ छायावाद का उपनिषद्(शांतिप्रिय द्विवेदी)   ◆ मानवता का रसात्मक महाकाव्य (आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)   ◆ नए युग का प्रतिनिधि काव्य (नंददुलारे वाजपेयी)   ◆ आधुनिक सभ्यता का ...

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छायावाद के प्रवर्तक(chhayavad ke pravartak)

?छायावाद के प्रवर्तक?   • छायावाद का प्रवर्तक :- जयशंकर प्रसाद   • छायावाद का प्रवर्तक :- मुकूटधर पाण्डे(आ. रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार)   • छायावाद के प्रवर्तक :- माखनलाल चतुर्वेदी(प्रभाकर माचवे के अनुसार)   • छायावाद के प्रवर्तक :- सुमित्रानंदन पंत(नंददुलारे वाजपेयी के अनुसार)   ? पढ़ना जारी रखने के लिए यहाँ क्लिक करे। ? Pdf नोट्स लेने के ...

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मलूकदास का व्यक्त्तित्व और कृतित्व कबीरदास जैसा (Malukdas ka vyakttitv aur krtitv Kabirdas jaisa)

?मलूकदास का व्यक्त्तित्व और कृतित्व कबीरदास जैसा ?   ? मलूकदास ?   ● मलूकदास ज्ञानमार्गी सन्त थे   ● निर्गुण शाखा के पोषक थे।   ● उनका व्यक्त्तित्व और कृतित्व(ज्ञानबोध ग्रन्थ )कबीरदास जैसा था।   ● कबीरदास और मलूकदास के इन दोहे से पता चल सकता है :-   ◆ कबीर दास का दोहा :- पाहन पूजे हरि मिलें, ...

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नागमती का वियोग वर्णन के सम्बन्ध में रामचंद्र शुक्ल के कथन(nagamati ka viyog varnan ke sambandh mein ramachandr shukl ke kathan)

?नागमती का वियोग वर्णन के सम्बन्ध में रामचंद्र शुक्ल के कथन?   ◆ “नागमती का विरह वर्णन हिन्दी साहित्य में एक अद्वितीय वस्तु है।”   ◆ “अपनी भावुकता का बड़ा भारी परिचय जायसी ने इस बात में दिया है कि रानी नागमती विरहदशा में अपना रानीपन बिल्कुल भूल जाती है और अपने को केवल साधारण नारी के रूप में देखती ...

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नागमती में ऊहात्मकता शैली(nagmati mein Uhakataka shaili)

?नागमती में ऊहात्मकता शैली? ?ऊहात्मकता शैली ?   ◆ विरह वर्णन में फारसी मनस्वियों की शैली प्रायः ऊहात्मक हो जाती है।   ◆ ऊहात्मकता का अर्थ हैं :- विरह का ऐसा अतिश्योक्तिपूर्ण वर्णन जो असामान्य होने के साथ-साथ कहीं-कहीं वीभत्स सा होने लगे।   ◆ नागमती के विरह वर्णन में जायसी ने ऊहात्मकता का सहारा तो लिया है किंतु उसे ...

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रामचरितमानस और कवितावली में कलियुग की मूल समस्या(Ramcharitmanas and Kavitavali ein kaliyug ki mool samasya)

?रामचरितमानस और कवितावली में कलियुग की मूल समस्या?   ?कलियुग तुलसी दास के समय का यथार्थ है। ?रामचरितमानस में कलियुग की मूल समस्या :- ● लोग वर्णाश्रम धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। ● परिवार की मर्यादाएँ बिखरती जा रही हैं। ● राजा प्रजा से निरपेक्ष होकर भोग में लीन है। ? कवितावली में कलियुग की मूल समस्या :-आर्थिक ...

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कबीर और जायसी ने छप्पर का प्रयोग( Kabir and Jayasi ne ka prchhappar ayog)

? कबीर और जायसी ने छप्पर का प्रयोग? ◆ संती भाई आई ग्यांन की आँधी रे । भ्रम की टाटी सभ उड़ानी माया रहे न बाँधी रे ॥ दुचिते की दोइ थूनि गिरांनी मोह बलेंडा टूटा । त्रिसनां छानि परी पर ऊपरि दुरमति भाँडा फूटा ।।-कबीर ग्रन्थावली ★ कबीर ने छप्पर का प्रयोग तृष्णा के लिए किया है। ◆ बरसै ...

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हिन्दी में पहली बार बारहमासा वर्णन(hindi mein pratham bar barahamasa vivaran)

  ?हिन्दी में पहली बार बारहमासा वर्णन?   ?हिन्दी में पहली बार बारहमासा वर्णन मिलता है-बीसलदेव रासो में।   ?हिन्दी में पहली बार व्यापक ढंग का बारहमासा मिलता है-पृथ्वीराज रासो में।   ?हिन्दी में पहली बार व्यापक और मार्मिक ढंग का बारहमासा मिलता है-पद्मावत में।     नोट :- पहली बार बारहमासा वर्णन मिलता है -नेमिनाथ चऊपई में।     ...

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भारतेन्दु हरिश्चंद्र की पत्रिका(Bhartendu Harishchandra ki patrika)

?भारतेन्दु हरिश्चंद्र की पत्रिका? (1) कविवचन सुधा- 1868 ई. (मासिक, पाक्षिक तथा बाद में साप्ताहिक)   (2) हरिश्चन्द्र चन्द्रिका – 1873 ई. (मासिक, पूर्व के आठ अंकों का प्रकाशन हरिश्चन्द्र मैगजीन नाम से)   (3) बाला बोधिनी- 1874 ई. (स्त्री शिक्षा से संबंधित मासिक पत्रिका) ? पढ़ना जारी रखने के लिए यहाँ क्लिक करे। ? Pdf नोट्स लेने के लिए ...

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पत्रकारिता का स्वरूप(patrakarita ka svaroop)

?पत्रकारिता का स्वरूप? पत्रकारिता का स्वरूप समय के साथ बदलता रहा है, लेकिन इसके मूल सिद्धांत और उद्देश्य लगभग एक जैसे ही बने रहे हैं। पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य है सूचना का संकलन, विश्लेषण, और प्रसार, जिससे समाज को जागरूक और सूचित रखा जा सके। यहाँ पत्रकारिता के स्वरूप के विभिन्न पहलुओं का विवरण दिया गया है:   ?प्रकार प्रिंट ...

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