🌺डोम्भिपा का परिचय 🌺
• डोम्भिपा का जन्म :- मगध के क्षेत्रीय वंश के 840 ईस्वी में लगभग।
• इन्होंने विरूपा से दीक्षा ली।
• डोम्भिपा के द्वारा रचित 21 ग्रंथ है।
• इनमें प्रमुख ग्रंथ है :-
1. डोम्बिपागीतिका
2. योगचर्या
3. अक्षरद्विकोपदेश
• डोम्भिपा की पंक्तियां :-
” गंगा जउना माझेरे बहर नाइ।
तांहि बुड़िली मातंगि पोइआली ले करई ।”
• दारिकपा की शिष्य सहयोगिनी चिन्ता थी, जिनके शिष्य डोम्बीपा या डोम्बी हेरूक बताए गए हैं ।
•डोम्भिपा चरवाहे थे।