? तुलसी के राम ? ◆ राम ही मेरे माता-पिता , बंधु, गुरु और शुभेच्छु है। ◆ मेरे स्वामी सखा और सहायक है ◆ देश, कोष, कुल, कर्म, धर्म, धन, धाम, पृथ्वी और गति भी राम ही है। ◆ मेरी जाति – पांति भी राम ही है और सम्मान भी उन्ही से ही है। ◆ परमार्थ स्वार्थ और सुयश आदि ...
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