Tag Archives: दान स्त्री का धर्म है। नहीं तो उसका और क्या धर्म है? उससे मन मांगा जाएगा

त्यागपत्र उपन्यास के पात्रोंं का महत्वपूर्ण कथन(tyagpatr upanyas ke patro ka mahatvapoorn kathan)

1. मृणाल के कथन :- • “मैं नहीं बुआ होना चाहती। बुआ। छीः देख, चिड़िया कितनी ऊंची उड़ जाती है। मैं चिड़िया होना चाहती हूं।” • “तुम सब लोगों के लिए मैं पराई हूं, तेरी मां ने मुझे धक्का देकर पराया बना दिया है।” • “कन्या जाति क्या अपने पिता के घर ही होती है? मैं कोई निराली जनमी हूं?” ...

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