Tag Archives: दिवस का अवसान समीप था। गगन था कुछ लोहित हो चला। तरु – शिखा पर थी अब राजती । कमलिनी – कुल वल्लभ की प्रभा

प्रियप्रवास(priyapravas)

•”प्रियप्रवास” शब्द संस्कृत भाषा का है और इसका अर्थ होता है “प्रिय” (अर्थात् प्रिय या प्यारा) और “प्रवास” (अर्थात् यात्रा)। इस शब्द का अर्थ होता है “प्यारे या प्रिय के साथ यात्रा”। •रचयिता :- अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध • महाकाव्य • हिंदी खड़ी बोली में लिखा गया हिंदी का प्रथम महाकाव्य • शैली :- भिन्न तुकांत शैली में • भाषा ...

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