द्विवेदी काल (1900-1918) हिंदी साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि है। इस काल का नाम आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने हिंदी साहित्य को एक नया दृष्टिकोण और दिशा दी। इस काल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं: 🌺 द्विवेदी युगीन काल की प्रवृत्तियां🌺 1. आदर्श एवं नैतिकता का प्राधान्य। 2. राष्ट्रीयता अथवा ...
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