?रीतिमुक्त काव्य की प्रवृत्तियां ? ? रीतिमुक्त काव्यधारा अपने युग में रची जा रही कविता की प्रतीक्रियात्मक कविता है। यह कविता काव्य शास्त्रीय विधि-विधानों एवं दरबारी संस्कृति से पराङ्मुख होकर रची गई है,इसीलिए इसे रीतिमुक्त कविता कहते हैं। ...
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