💐 उठ जाग मुसाफिर निबंध (विवेकीराय)💐 ◆ प्रकाशन :- 2012 ई. उठ जाग मुसाफिर निबंध संग्रह से। ◆ पिछली बार गया तो एक सवाल खड़ा मिला, ‘आपने इतना बड़ा पुस्तकालय गाँव में खड़ा तो कर दिया पर कोई पुस्तक पढ़नेवाला नहीं रहा तो उसका क्या होगा ?’ ◆ प्रश्न सुनकर मास्टर साहब अर्थात् जगदीश बाबू का चिरपरिचित मुक्तहास बिखर गया ...
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