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रस निष्पत्ति(Ras Nishpatti )

Trick :- ★ लल्लोट की उत्पत्ति मीमांसा दर्शन से हुई। भट्ट लल्लोट   उत्पत्तिवाद ★  शंकुक की अनुमति के बाद न्याय हुआ। अनुमितिवाद    नैयायिक दर्शन ★ नायक भुक्ति ने सांख्य दर्शन व्याख्या की। भट्टनायक भुक्तिवाद ★  अभिनवगुप्त ने अपनी अभिव्यक्ति में शैव दर्शन के बारे में बताया। अभिव्यक्तिवाद रस निष्पत्ति  :- काव्य लक्षण  काव्य हेतु रस का स्वरूप आचार्य ...

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सिंदूर की होली नाटक( Sindur Ki Holi Natak)

  ?? सिंदूर की होली ?? ◆ नाटककार :- लक्ष्मीनारायण मिश्र ◆ प्रकाशन :-  1934ई. ◆ अंक :-  3 अंक ◆ दृश्य :- तीन (पहला दृश्य :- 9 बजे का दूसरा दृश्य :-  साध्यकाल का तीसरा दृश्य  :- 10 बजे रात्रि का ) ◆  दृश्य का स्थल :- डिप्टी कलेक्टर मुरारीलाल के बंगले की बैठक।(एक ही है) ◆ शैली:- पूर्वदीप्ती ...

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अंजो दीदी(Anjo Didi Natak)

?? अंजो दीदी ?? ◆  नाटककार  :- उपेंद्रनाथ अश्क ◆ प्रकाशन :- 1955 ई. ◆  अंक :- दो अंक ◆ दृश्य :- 4 दृश्य (3+1) ◆ सामाजिक और मनौवैज्ञानिक नाटक ◆  उपेंद्रनाथ अश्क का सर्वाधिक प्रौढ़ नाटक ◆ नाटक के पात्र :- ★ पुरुष पात्र :- 1. श्रीपत (अंजो का भाई) 2. इन्द्रनारायण (वकील) – अंजली का पति 3. राधू ...

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आधे – अधूरे नाटक (Aadhe Adhure Natak)

            ?? आधे – अधूरे नाटक ?? ◆ नाटककार :- मोहन राकेश ◆ प्रकाशित :- 1969 ई. ◆ यह नाटक ‘धर्मयुग’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ। ◆ मोहन राकेश का यह तीसरा एवं बहुचर्चित नाटक है । ◆ आधे-आधूरे पारिवारिक जीवन के विघटन की गाथा है। ◆ आधे – अधूरे में एक भी अंक नहीं है। ...

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आषाढ़ का एक दिन नाटक (Ashad Ka Ek Din Natak)

?? आषाढ़ का एक दिन ?? ◆  नाटककार :-  मोहन राकेश ◆  लिखा गया :- 3 मार्च से 21 अप्रैल 1958 ई. के बीच ◆  प्रकाशन :- जून 1958 ई. ◆ अंक :- तीन अंक ◆ दृश्य :-  एक (मल्लिका के घर का ) ◆ आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश का पहला नाटक है। ◆ आषाढ़ का एक दिन ...

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अंधेर नगरी नाटक (Andher Nagri Natak)

?? अंधेर नगरी ?? ◆  नाटककार :- भारतेंदु हरिश्चन्द्र ◆ प्रकाशन :-  1881 ई. ◆ शैली:-  हास्य-व्यंग्य ◆ एक  प्रकार का प्रहसन ◆ अंक :-  6 अंक ◆ आधार नाटक की रचना बिहार के रजवाड़े की गई है। ◆  लेखक ने  इस नाटक को एक ही रात में लिखकर पूरा किया। ◆ ‘हिन्दू नेशनल थिएटर’ नामक एक रंग संस्था में  ...

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ध्रुवस्वामिनी नाटक(dhruvswamini natak)

  ?? ध्रुवस्वामिनी (नाटक)?? ◆ प्रकाशन -: 1933 ई. ◆ अंक :- 3 अंक ◆   दृश्य :- 3 दृश्य( प्रत्येक अंक में एक दृश्य) ◆  नाटक में गीत  :- चार ◆  नाटक की नायिका :- ध्रुवस्वामिनी ◆ जयशंकर प्रसाद का यह अंतिम नाटक हैं। ◆ ऐतिहासिक नाटक ◆ नाटक का कथानक गुप्तकाल से सम्बद्ध और शोध द्वारा इतिहाससम्मत है। ◆  ...

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स्कन्दगुप्त नाटक (Skandagupt natak)

स्कन्दगुप्त नाटक

?? स्कंदगुप्त  नाटक ?? ◆ प्रकाशन :- 1928 ई. ◆ जयशंकर प्रसाद की सबसे प्रौढ़ रचना है। ◆ आलोचकों ने प्रसाद के इस नाटक को शास्त्रीय दृष्टि से उत्तम माना है। ◆  140 पृष्ठ का नाटक ◆ अंक :- पाँच अंक ◆  शेक्सपियर के नाटकों में भी पाँच अंकों की परम्परा मिलती हैं। ◆  कुल दृश्य :- 33 दृश्य(इसके पाँच ...

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UGC NET EXAM में आयी हुई हिन्दी के कवियों की पंक्तियां – 3

201. पुस्तक जल्हण हाथ दे चेलि गज्जन नृपकाज – चन्दबरदाई (पृथ्वीराज रासो) 202. हो जाने दे गर्क नशे से,मत पड़ने दो फर्क नशे में। बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ 203. यौवन की इस मधुशाला में प्यासों का ही स्थान प्रिये। – भगवती चरण वर्मा(तुम अपनी हो, जग अपना है रचना से) 204. सावधान, मनुष्य! यदि विज्ञान है तलवार, तो इसे फेंक, तज ...

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UGC NET EXAM में आयी हुई हिन्दी के कवियों की पंक्तियां – 2

101. ढलमल – ढलमल चंचल अंतल झलमल झलमल तार जाल मलमल तारा – मैथलीशरण गुप्त (नदिया की धारा का वर्णन, साकेत से) 102. बहु बीती थोरी रही खोऊ बीती जाय । – ध्रुवदास 103. जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नहिं – कबीर दास 104. राम को रूप निहारत जानकी, कंकन के नग की परछाही । ...

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UGC NET EXAM में आयी हुई हिन्दी के कवियों की पंक्तियां – 1

1. डूबत भारत नाथ बेगि जागो अब जागो। – भारतेंदु( प्रबोधिनी कविता से) 2. कहाँ करुणानिधि केशव सोये – भारतेंदु 3. हम भारत भारतवासिन पै अब दीनदयाल दया करिए। – प्रताप नारायण मिश्र 4. अपने या प्यारे भारत के पुनीत दुख दारिदे हरिए। – राधाकृष्ण दास (विनीत कविता से) 5. आजु लौ न मिले तो कहां हम तो तुमहे सब ...

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मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं( madhyakalin bharatiy aary bhashaen)

?मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं ? 【500 ई.पू. से 1000 ई.तक】 1. पालि ( प्रथम प्राकृत)【500 ई.पू. से 1 ई.तक】 2.प्राकृत (द्वितीय प्राकृत)【1ई.से 500 ई.तक】 3.अपभ्रंश(तृतीय प्राकृत) 【500 ई.से 1000 ई.तक】 ?1. पालि ( प्रथम प्राकृत)? 【500 ई.पू. से 1 ई.तक】 • पालि का अर्थ बुद्ध वचन होने से यह शब्द केवल मूल त्रिपिटक ग्रंथों के लिए प्रयुक्त हुआ। • पालि ...

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प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएं(purachin aary bharatiy bhashaen)

? प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएं ? 【1500 ई.पू. से 500 ई.पू. तक】 1. वैदिक संस्कृत 【1500 ई.पू. से 1000ई.पू. तक】 2. लौकिक संस्कृत 【1000 ई.पू. से 500 ई.पू. तक】 1. वैदिक संस्कृत 【1500 ई.पू. से 1000ई.पू. तक】 • वैदिक साहित्य का सर्जन वैदिक संस्कृत में हुआ है। • वैदिक संस्कृत को वैदिक, वैदिकी, छन्दस्, छान्दस् आदि भी कहा जाता है। ...

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वयण सगाई या वैण सगाई अलंकार 【vayan sagaee ya vainen sagaee alankaar】

• वयण सगाई या वैण सगाई इसे वरण सगाई या वरण संबंध भी कहते हैं। • वयण का अर्थ :- वर्ण या अक्षर • सगाई का अर्थ :- संबंध • वयण सगाई का अर्थ है :- वर्णों का संबंध • किसी छंद के प्रत्येक चरण में पहला अक्षर के संबंध के नियम को सही तरह से निभाना ही वयण सगाई ...

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प्रमुख दलित कहानियां [Pramukh dalit kahaniyan]

??प्रमुख दलित कहानियां ?? 1. सलाम घुसपैठिए :- ओमप्रकाश वाल्मीक 2. पुनर्वास :- विपिन बिहारी 3. तलाश :- जयप्रकाश कर्दम 4. आवाजें :- मोहनदास नैमिशराय 5. हमारा जवाब मोहनदास नैमिशराय 6. चार इंच की कलम :- डॉ. कुसुम वियोगी 7. टूटता वहम :- डॉ सुशीला टाकभौरे 8. अनुभूति के घेरे :- डॉ सुशीला टाकभौरे 9 . संघर्ष : -डॉ सुशीला ...

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