क्र.स. |
कहानी |
कहानीकार |
प्रकाशन वर्ष |
प्रकाशन पत्रिका एवं कहानी संग्रह |
1. |
चन्द्रदेव से मेरी बाते |
बंग महिला(राजेन्द्र बाला घोष) |
1904 |
सरस्वती पत्रिका में प्रकाशन |
2. |
दुलाई वाली |
बंग महिला(राजेन्द्र बाला घोष |
1907 |
सरस्वती पत्रिका में प्रका. |
3. |
एक टोकरी भर मिट्टी |
माधव राव सप्रे |
1901 |
छतीसगढ़ मित्र पत्रिका में प्रका. |
4. |
राही |
सुभद्रा कुमारी चौहान |
1947 |
सीधे-साधे चित्र संग्रह से |
5. |
ईदगाह |
प्रेमचन्द |
अगस्त,1933 |
चांद पत्रिका में प्रकामानसरोवर के प्रथम भाग में संग्रहित |
6. |
दुनिया का सबसे अनमोल रत्न |
प्रेमचन्द |
1907 |
जमाना पत्रिका में प्रका.सोजे वतन संग्रह से |
7. |
कानों में कँगना |
राजा राधिकारमण प्रसाद |
1912 |
इन्दु पत्रिका में प्रका.गाँधी टोपी संग्रह से |
8. |
उसने कहा था |
चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ |
1915 |
सरस्वती पत्रिका में प्रका. |
9. |
आकाशदीप |
जयशंकर प्रसाद |
1929 |
आकाशदीप संग्रह में |
10. |
अपना-अपना भाग्य |
जैनेन्द्र |
1931 |
वातायन संग्रह से |
11. |
तीसरा कसम उर्फ मारे गये गुलफाम |
फणीश्वरनाथ रेणु |
1956 |
अपरम्परा पत्रिका में प्रका.ठुमरी(1959) संग्रह से |
12. |
लाल पान की बेगम |
फणीश्वरनाथ रेणु |
1956 |
कहानी पत्रिका में प्रका,ठुमरी(1959) संग्रह से |
13. |
गैग्रीन(रोज) |
अज्ञेय |
1931 |
विपथगा संग्रह से |
14. |
कोसी का घटवार |
शेखर जोशी |
1957 |
कल्पना’पत्रिका में प्रका.कोसी घटवार संग्रह से |
15. |
अमृतसर आ गया है |
भीष्म साहनी |
1971 |
– |
16. |
चीफ की दावत |
भीष्म साहनी |
1956 |
पहला पाठ संग्रहसे |
17. |
सिक्का बदल गया |
कृष्णा सोबती |
1948 |
प्रतीक पत्रिका में प्रका. |
18. |
इस्पेक्टर मातादीन चाँद पर |
हरिशंकर परसाई |
1970 |
अपनी – अपनी बीमारी संग्रह से (1972) |
19. |
पिता |
ज्ञानरंजन |
1965 |
– |
20. |
राजा निरबंसिया |
कमलेश्वर |
1957 |
राजा निरबंसिया संग्रह से |
21. |
परिंदे |
निर्मल वर्मा |
1965 |
परिंदे संग्रह से |
1.चन्द्रदेव से मेरी बाते(पत्रात्मक शैली)
पात्र:- भगवान चन्द्रदेव
उद्देश्य/विषय:- चन्द्रदेव के माध्यम से लॉर्ड कर्जन पर व्यंग्य। इसमें देश की बदहाल आर्थिक दशा व देश में फेली बेरोजगारी का चित्रण है
2.दुलाई वाली (मनोरंजन प्रधान कहानी)
पात्र :- बंशीधर,नवलकिशोर,जानकीदेई,नवल किशोर पत्नी, बंशीधरकी सास,बंशीधरकी साला,बंशीधरकी साली, इक्केवाला,रेल के यात्री
उद्देश्य/विषय:- कहानी में देशी धोती और विलायती धोती के माध्यम से अंग्रेजी पहनावे व वस्त्रों के उपयोग पर व्यंग्य भी कियागया है।
3.एक टोकरी भर मिट्टी
पात्र :- वृद्ध विधवा,जमीदार, वृद्ध विधवा का पुत्र,पतोहू तथा पोती
उद्देश्य/विषय:- यह कहानी अमीरी तथा गरीबी के विषमता पर आधारित है,जिसमें जमीदार समाज के शोषक वर्ग का प्रतीक है तथा विधवा वृद्ध स्त्री शोषित वर्ग का प्रतीक है।
4.राही
पात्र :- चोरी की दोषी राही, स्वतंत्रता सेनानी अनीता
उद्देश्य/विषय:-लेखिका कि जेल के अनुभवों पर आधारित कहानी। कहानी का माध्यम संदेश:- समाज के गरीब व असहाय लोगों के उत्थान व कल्याण के लिए कार्य करना ही सच्ची देश भक्ति है।
5.ईदगाह (बाल मनोवैज्ञानिक कहानी)
पात्र :- हामिद,अमीना,महमूद,नूरे,मोहसिन,सम्मी आबिद
उद्देश्य/विषय:- इस कहानी में समाज में व्याप्त सामाजिक – आर्थिक असमानता को अभिव्यक्त किया है। प्रेमचन्द ने व्यंग्यात्मक ढंग से भ्रष्टाचार जातिवाद, न्याय- व्यवस्था के लोक विरोधी रूप पर कड़ा प्रहार किया है।
6.दुनिया का सबसे अनमोल रत्न
पात्र :- दिलफिगार,दिलफरेब,काला चोर (कैदी),एक बुजुर्ग व्यक्ति
उद्देश्य/विषय:- देश प्रेम और देशभक्ति की भावना।
7.कानों में कँगना
पात्र :- किरण,नरेन्द्र,योगीश्वर,नाचने वाली किन्नरी,जूही
उद्देश्य/विषय:- कहानी वासना और प्रेम के अन्तर को स्पष्ट किया गया है
8.उसने कहा था
पात्र :- जमादार लहनासिंह ,सूबेदारनी होरी,सूबेदार हजारा सिंह,बोधासिंह,वजीरा सिंह,कीरतसिंह
उद्देश्य/विषय:- प्रेम,शौर्य और बलिदान की अनुभूत प्रेम कथा। प्रथम विश्व युद्ध के समय में लिखी गई यह प्रेम कथा। लहनासिंह में माध्यम से प्रेम कर्त्तव्य तथा आत्म बलिदान के पारस्परिक संघर्ष का मर्मस्पर्शी चित्रण।
9.आकाशदीप
पात्र :- बुद्धगुप्त,चम्पा,मणिभद्र(खलनायक)
उद्देश्य/विषय:-कर्त्तव्य और प्रेम के अंर्तद्वन्द से जूझती चंपा द्वारा सम्पूर्ण जीवन कर्त्तव्य के लिए समर्पित करने वाली कहानी।
10.अपना-अपना भाग्य
पात्र :- कथावाचक,उसका मित्र दसवर्षीय बेघर पहाड़ी बच्चा
उद्देश्य/विषय:- शिक्षित मध्य वर्ग की स्वार्थ परकता को उजागर करने वाली कहानी
11.तीसरा कसम उर्फ मारे गये गुलफाम(किस्साबगोई शैली या पूर्व दीप्ति शैली का सहारा गया है)
इस कहानी पर 1966 में फिल्म बनी थी जिनका निर्देशन बासु भट्टाचार्य ने किया है।
पात्र :- हिरामन(नायक),बैलगाड़ी चलाने वालाहीराबाई(नौटंकी में काम करने वाली)लालमोहर,धुन्नीराम,पलटदास, लालमोहर का नौकर, लहसनवां
उद्देश्य/विषय:- कहानी में प्रेम की भाव प्रवणता पूरी तरलता के साथ व्यंजित हुई है। हिरामन और हीराबाई के बैलगाड़ी सफर के माध्यम से लोक – संस्कृति,उसमें निहित रस और मर्यादित निश्छल प्रेम को व्यक्त करने वाली कहानी।
12.लाल पान की बेगम
पात्र :- बिरजू की माँ(नायिका), बिरजू के पिता, बिरजू ,चम्पिया, मखनी बुआ, सुनरी,जंगी की पुतोहू
उद्देश्य/विषय:- बैलगाड़ी पर बैठकर नाच देखने जाने के इर्द – गिर्द बुनी गई यह कहानी। मनचाही परिस्थिति न होने पर जो सारे बाते बिरजू की माँ को परेशान बना रही थी वही अनुकूल परिस्थिति होने पर उसे सहज व भली प्रतीत होने लगी।
13.गैग्रीन(रोज)(इस कहानी को नयी कहानी की पूर्व पीठिका भी कहते है।)
पात्र :- कथानायक,मालती,डॉ.महेश्वर,बच्चा टिटि
उद्देश्य/विषय:- कहानी का केन्द्रीय वाक्य ‘ऐसी तो रोज होता है’ कहानी में एकनवविवाहिता स्त्री के मन की गहरी उदासीनता और अकेलेपन की त्रासद अनुभूति का चित्रण। कहानी में दिखाया गया है कि किसी भी प्रकार के नएपन से रहित जीवन में व्यक्ति और व्यक्तियों के संबंध कैसे टूटते है।
14.कोसी का घटवार
पात्र :- गुंसाई(फौजी),लछमी(गुंसाई की प्रेमिका),लछमा का बेटा,किसन सिंह(सिपाही),
उद्देश्य/विषय:-लछमा के जेठ- जेठानी,उसके काका – काकी सामाजिक जड़ मनोविज्ञान के कारण अधूरे रहे अनाथ फौजी गुसांई और लछमा के कालातीत प्रेम की कहानी।
15.अमृतसर आ गया है (भारत – पाक विभाजन से संबंधिन कहानी
पात्र :- कथानायक,बाबू, सरदारजी,पठान,बुढ़िया
उद्देश्य/विषय:- भारत- पाक विभाजन के समय बढ़ती सांप्रदायिक नफरत को चलती रेस के डिब्बे के भीतर की घटनाओं से व्यक्त करती कहानी।
16.चीफ की दावत :-
पात्र :- शामनाथ,शामनाथ की पत्नी,शामनाथ की माँ,चीफ(शामनाथ का बॉस)
उद्देश्य/विषय:-व्यक्ति की मनोगत स्थिति और विकृति चिन्तक को उजागर करना कहानी का उद्देश्य।
17.सिक्क बदल गया( भारत- पाक विभाजन से सम्बन्धित कहानी)
पात्र :- शाहनी,शेरा(शाहनी का सेवक),हसैना(शेरा की पत्नी),थानेदार दाऊद खां
उद्देश्य/विषय:- इसमें विभाजन से उत्पन्न दारुण परिस्थितियों के मार्मिक चित्रण के साथ मानवीय संबंधो और मूल्यों पर आए विघटन का वर्णन। कहानी में देश के बॅटवारे और बेकार के खून खराबे तथा हत्याएँ।
18.इस्पेक्टरमातादीन चाँद पर
पात्र :- मतादीन,पुलिसमंत्री,यानचालक,कोतवाल,इंस्पेक्टर
उद्देश्य/विषय:-चाँद के काल्पनिक चित्रण द्वारा भारतीय पुलिस एवं व्यवस्था।
19. पिता
पात्र :- कथावाचक,उसकी पत्नी देवा, पिता
उद्देश्य/विषय:- नए पुराने मूल्यों और संस्कारो की टकराहट।दो पीढ़ियों के मध्य की मार्मिक टूटना को दिखाने के पश्चात् यह दोनों पीढ़ियों के मध्य भावनात्मक लगाया।
20.राजा निरबंसिया (प्रयोगधर्मी कहानी,किस्सागोई शैली)
पात्र :- जगपती,चन्दा(जगपती की पत्नी),बच्चन सिंह(कम्पाउण्डर),राजा,रानी उसके दो पुत्र
उद्देश्य/विषय:- राजा निरबंसिया की पौराणिक कथा के साथ – साथ चंदा की आधुनिक जीवन की विसंगतियों का चित्रण। कहानी आर्थिक विवशताओं द्वारा दाम्पत्यसंबंधो की मधुरता को कड़वाहट में बदलने,संतानहीनतादम्पति की सामाजिक स्थिति और मानसिक पीड़ा की कहानी है,जो आधुनिक युग के टूटते जीवन मूल्यों,आस्थाओं,विश्वासांे तथा मजबूरियों को स्पष्ट करती है।
21.परिंदे(प्रभावोत्पादक शैली)
पात्र :- ललिका,डॉ.मुकर्जी,मिस्टरह्मूबर्ट, विद्यार्थी सुधा,जौली,गिरीश,करीमुद्दीन
क्र.स. |
कहानी |
पात्र |
उद्देश्य/विषय |
1. |
चन्द्रदेव से मेरी बाते(पत्रात्मक शैली) |
भगवान चन्द्रदेव |
चन्द्रदेव के माध्यम से लॉर्ड कर्जन पर व्यंग्य।इसमें देश की बदहाल आर्थिक दशा व देश में फेली बेरोजगारी का चित्रण है |
2. |
दुलाई वाली(मनोरंजन प्रधान कहानी) |
बंशीधर,नवलकिशोर,जानकीदेई,नवल किशोर पत्नी, बंशीधरकी सास,बंशीधरकी साला,बंशीधरकी साली,इक्केवाला,रेल के यात्री |
कहानी में देशी धोती और विलायती धोती के माध्यम से अंग्रेजी पहनावे व वस्त्रों के उपयोग पर व्यंग्य भी कियागया है। |
3. |
एक टोकरी भर मिट्टी |
वृद्ध विधवा,जमीदार, वृद्ध विधवा का पुत्र,पतोहू तथा पोती |
यह कहानी अमीरी तथा गरीबी के विषमता पर आधारित है,जिसमें जमीदार समाज के शोषक वर्ग का प्रतीक है तथा विधवा वृद्ध स्त्री शोषित वर्ग का प्रतीक है। |
4. |
राही |
चोरी की दोषी राही,स्वतंत्रता सेनानी अनीता |
लेखिका कि जेल के अनुभवों पर आधारित कहानी।कहानी का माध्यम संदेश:- समाज के गरीब व असहाय लोगों के उत्थान व कल्याण के लिए कार्य करना ही सच्ची देश भक्ति है। |
5. |
ईदगाह(बाल मनोवैज्ञानिक कहानी) |
हामिद,अमीना,महमूद,नूरे,मोहसिन,सम्मी आबिद |
इस कहानी में समाज में व्याप्त सामाजिक – आर्थिक असमानता को अभिव्यक्त किया है। प्रेमचन्द ने व्यंग्यात्मक ढंग से भ्रष्टाचार जातिवाद, न्याय- व्यवस्था के लोक विरोधी रूप पर कड़ा प्रहार किया है। |
6. |
दुनिया का सबसे अनमोल रत्न |
दिलफिगार,दिलफरेब,काला चोर (कैदी),एक बुजुर्ग व्यक्ति |
देश प्रेम और देशभक्ति की भावना। |
7. |
कानों में कँगना |
किरण,नरेन्द्र,योगीश्वर,नाचने वाली किन्नरी,जूही |
कहानी वासना और प्रेम के अन्तर को स्पष्ट किया गया है |
8. |
उसने कहा था |
जमादार लहनासिंह ,सूबेदारनी होरी,सूबेदार हजारा सिंह,बोधासिंह,वजीरा सिंह,कीरतसिंह |
प्रेम,शौर्य और बलिदान की अनुभूत प्रेम कथा। प्रथम विश्व युद्ध के समय में लिखी गई यह प्रेम कथा। लहनासिंह में माध्यम से प्रेम कर्त्तव्य तथा आत्म बलिदान के पारस्परिक संघर्ष का मर्मस्पर्शी चित्रण। |
9. |
आकाशदीप |
बुद्धगुप्त,चम्पा,मणिभद्र(खलनायक) |
कर्त्तव्य और प्रेम के अंर्तद्वन्द से जूझती चंपा द्वारा सम्पूर्ण जीवन कर्त्तव्य के लिए समर्पित करने वाली कहानी। |
10. |
अपना-अपना भाग्य |
कथावाचक,उसका मित्र दसवर्षीय बेघर पहाड़ी बच्चा |
शिक्षित मध्य वर्ग की स्वार्थ परकता को उजागर करने वाली कहानी |
11. |
तीसरा कसम उर्फ मारे गये गुलफाम(किस्साबगोई शैलीयापूर्वदीप्तिशैलीकासहारागयाहै)इस कहानी पर 1966 में फिल्म बनी थी जिनका निर्देशन बासु भट्टाचार्य ने किया है। |
हिरामन(नायक),बैलगाड़ी चलाने वालाहीराबाई(नौटंकी में काम करने वाली)लालमोहर,धुन्नीराम,पलटदास,लालमोहर का नौकर, लहसनवां |
कहानी में प्रेम की भाव प्रवणता पूरी तरलता के साथ व्यंजित हुई है। हिरामन और हीराबाई के बैलगाड़ी सफर के माध्यम से लोक – संस्कृति,उसमें निहित रस और मर्यादित निश्छल प्रेम को व्यक्त करने वाली कहानी। |
12. |
लाल पान की बेगम |
बिरजू की माँ(नायिका), बिरजू के पिता, बिरजू ,चम्पिया, मखनी बुआ, सुनरी,जंगी की पुतोहू |
बैलगाड़ी पर बैठकर नाच देखने जाने के इर्द – गिर्द बुनी गई यह कहानी। मनचाही परिस्थिति न होने पर जो सारे बाते बिरजू की माँ को परेशान बना रही थी वही अनुकूल परिस्थिति होने पर उसे सहज व भली प्रतीत होने लगी। |
13. |
गैग्रीन(रोज)(इस कहानी को नयी कहानी की पूर्व पीठिका भी कहते है।) |
कथानायक,मालती,डॉ.महेश्वर,बच्चा टिटि |
कहानी का केन्द्रीय वाक्य ‘ऐसी तो रोज होता है’ कहानी में एकनवविवाहिता स्त्री के मन की गहरी उदासीनता और अकेलेपन की त्रासद अनुभूति का चित्रण। कहानी में दिखाया गया है कि किसी भी प्रकार के नएपन से रहित जीवन में व्यक्ति और व्यक्तियों के संबंध कैसे टूटते है। |
14. |
कोसी का घटवार |
गुंसाई(फौजी),लछमी(गुंसाई की प्रेमिका),लछमा का बेटा,किसन सिंह(सिपाही),लछमा के जेठ- जेठानी,उसके काका – काकी |
सामाजिक जड़ मनोविज्ञान के कारण अधूरे रहे अनाथ फौजी गुसांई और लछमा के कालातीत प्रेम की कहानी। |
15. |
अमृतसर आ गया है(भारत – पाक विभाजन से संबंधिन कहानी |
कथानायक,बाबू, सरदारजी,पठान,बुढ़िया |
भारत- पाक विभाजन के समय बढ़ती सांप्रदायिक नफरत को चलती रेस के डिब्बे के भीतर की घटनाओं से व्यक्त करती कहानी। |
16. |
चीफ की दावत |
शामनाथ,शामनाथ की पत्नी,शामनाथ की माँ,चीफ(शामनाथ का बॉस) |
व्यक्ति की मनोगत स्थिति और विकृति चिन्तक को उजागर करना कहानी का उद्देश्य। |
17. |
सिक्क बदल गया( भारत- पाक विभाजन से सम्बन्धित कहानी) |
शाहनी,शेरा(शाहनी का सेवक),हसैना(शेरा की पत्नी),थानेदार दाऊद खां |
इसमें विभाजन से उत्पन्न दारुण परिस्थितियों के मार्मिक चित्रण के साथ मानवीय संबंधो और मूल्यों पर आए विघटन का वर्णन। कहानी में देश के बॅटवारे और बेकार के खून खराबे तथा हत्याएँ। |
18. |
इस्पेक्टरमातादीन चाँद पर |
मतादीन,पुलिसमंत्री,यानचालक,कोतवाल,इंस्पेक्टर |
चाँद के काल्पनिक चित्रण द्वारा भारतीय पुलिस एवं व्यवस्था। |
19. |
पिता |
कथावाचक,उसकी पत्नी देवा, पिता |
नए पुराने मूल्यों और संस्कारो की टकराहट।दो पीढ़ियों के मध्य की मार्मिक टूटना को दिखाने के पश्चात् यह दोनों पीढ़ियों के मध्य भावनात्मक लगाया। |
20. |
राजा निरबंसिया(प्रयोगधर्मीकहानी,किस्सागोईशैली) |
जगपती,चन्दा(जगपती की पत्नी),बच्चन सिंह(कम्पाउण्डर),राजा,रानी उसके दो पुत्र |
राजा निरबंसिया की पौराणिक कथा के साथ – साथ चंदा की आधुनिक जीवन की विसंगतियों का चित्रण। कहानी आर्थिक विवशताओं द्वारा दाम्पत्यसंबंधो की मधुरता को कड़वाहट में बदलने,संतानहीनतादम्पति की सामाजिक स्थिति और मानसिक पीड़ा की कहानी है,जो आधुनिक युग के टूटते जीवन मूल्यों,आस्थाओं,विश्वासांे तथा मजबूरियों को स्पष्ट करती है। |
21. |
परिंदे(प्रभावोत्पादक शैली) |
ललिका,डॉ.मुकर्जी,मिस्टरह्मूबर्ट,विद्यार्थी सुधा,जौली,गिरीश,करीमुद्दीन |
कथाकार ने अतीत के क्षणों को पुनर्जीवित करने का प्रयास करने जीवन को नए अर्थ और अभिव्यक्ति। |
Bhed aur bhediye kahani ka sandarv suci
Bhed aur bhediye kahani ki sandarv suci
भेड़ और भेड़िए कहानी की संदर्भ सूची
मेल कर दी है
https://t.me/hindibestnotes
Bhed aur bhediye kahani ka sandarv suci
आपको मेल कर दी है
https://t.me/hindibestnotes
**********
https://t.me/hindibestnotes