Tag Archives: अपभ्रंश साहित्य का प्रथम महाकाव्य पउमचरिउ का परिचय(Apabhramsha sahity ka pratham mahakavy Poomachariyu ka paricha)

अपभ्रंश साहित्य का प्रथम महाकाव्य पउमचरिउ का परिचय(Apabhramsha sahity ka pratham mahakavy Poomachariyu ka paricha)

?अपभ्रंश साहित्य का प्रथम महाकाव्य पउमचरिउ का परिचय ? • रचयिता – महाकवि स्वयंभू • अपभ्रंश साहित्य का अत्यंत प्रसिद्ध एवं प्रथम महाकाव्य। • चरित काव्य। • पांच काण्डों और 90 संधियों में विभाजित है। • पांच काण्डों में विभक्त :- 1. विद्याधर कांड(20 संधियां) 2. अयोध्या कांड (22 संधियां) 3. सुंदरकांड (14 संधियां) 4. युद्ध कांड(21 संधियां) 5. उत्तरकांड ...

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