Tag Archives: गोरखनाथ

हिंदी साहित्य के प्रमुख गुरु और शिष्य(hindi sahity ke pramukh guru aur shishy)

हिंदी साहित्य में गुरु और शिष्य के संबंध बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं, जिन्होंने साहित्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यहां कुछ प्रमुख गुरु-शिष्य संबंधों का उल्लेख किया जा रहा है: क्र.स शिष्य गुरु 1.         गोरखनाथ मत्स्येन्द्रनाथ 2.         डोम्बिपा विरूपा 3.         कुक्कुरिपा चर्पटीया 4.         कण्हपा जालंधरपा 5.         चर्पटनाथ गोरखनाथ 6.         रामानुज यमुनाचार्य 7.       ...

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नाथ साहित्य या नाथ संप्रदाय(nath sahity ya nath sampraday)

• नाथ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अर्थवेद तथा तैतिरीय ब्राह्मण में मिलता है। • अर्थवेद तथा तैतिरीय ब्राह्मण में नाथ का अर्थ शरणदाता है। • नाथ शब्द का अर्थ(आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के द्वारा ) ‘ना’का अर्थ -अनादि रूप ‘थ’का अर्थ– स्थापित होना • नाथ पंथ के चरमोत्कर्ष का समय – 12वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी के अंत तक ( ...

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गोरखनाथ का जीवन परिचय(gorakhanath ka jeevan parichay)

गोरखनाथ

                                                                       ?गोरखनाथ का जीवन परिचय ? ?समय – 845ई. (राहुल सांकृत्यायन के अनुसार) ?नौवीं शती( आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार) ? 13वीं शती (आचार्य रामचंद्र शुक्ल ...

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