🌺नागमती का वियोग वर्णन के सम्बन्ध में रामचंद्र शुक्ल के कथन🌺 ◆ “नागमती का विरह वर्णन हिन्दी साहित्य में एक अद्वितीय वस्तु है।” ◆ “अपनी भावुकता का बड़ा भारी परिचय जायसी ने इस बात में दिया है कि रानी नागमती विरहदशा में अपना रानीपन बिल्कुल भूल जाती है और अपने को केवल साधारण नारी के रूप में देखती ...
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