🌺पाहुड दोहा का परिचय🌺 * रचयिता- राम सिंह। * रचना समय :- संवत् 1794 अर्थात् 1737 ई. * भाषा- अपभ्रंश भाषा * कुल पद्यों की संख्या – 222 पद्यों में *अत्यंत मधुर और सरल शैली से चैतन्यदेव का गुणगान गाते हुए बर्हिमुखता छुड़ाकर अंर्तमुखता उत्पन्न करती है। * जैनियों ने ‘पाहुड’ शब्द का प्रयोग किसी विशेष विषय के ...
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