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बाणभट्ट की आत्मकथा का उद्देश्य(banbhatt ki aatmakatha ka uddeshy)

• प्रकाशन :- 1946 ई. • उपन्यासकार :- आ. हजारीप्रसाद द्विवेदी • संपूर्ण उपन्यास 26 उच्छ्वासों में विभक्त है। • उपन्यास के आरंभ में लिखा गया है – “अथ बाणभट्ट की आत्मकथा लिख्यते।” • बाणभट्ट की आत्मकथा सातवीं शताब्दी का समग्र चित्रण प्रस्तुत करता है। • यह आत्मकथा डायरी शैली में लिखी गई है। • आत्मकथा में अतीत की स्मृतियां ...

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