श्रावकाचार:- • दिगम्बर जैन आचार्य देवसेन द्वारा कृत • समय 933ई. या सवंत् 990 • इसमें 250 दोहों में श्रावक धर्म का वर्णन। • गृहस्थ धर्म श्रावक धर्म का वर्णन केन्द्र है। • इसमें साहित्यिक तत्वों का अभाव है। • भाषा – अपभ्रंश • पंक्ति – जो जिण सासण भाषियउ सो मइ कहियउ सारु। जो पालइ सइ भाउ करि सो ...
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