?रीति काल की प्रवृत्तियां ? 1. रीति निरूपण । 2. श्रृंगारिकता। 3. श्रृंगार रस की प्रधानता। 4. अलंकार का प्राधान्य- पांडि्त्य प्रदर्शन हेतु अलंकारों का चमत्कारों प्रयोग। 5. काव्य रूप- रसिकता प्रधान, दरबारी वातावरण में चमत्कार, मुक्तक काव्य शैली। 6. वीर रसात्मकता काव्यों का प्रणयन। 7. आश्रयदाताओं की प्रशंसा। ...
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