इतिहास

खुमानरासो का परिचय(Khumanraso ka parichay)

? खुमानरासो का परिचय? Trick :- खुद * रचनाकार – दलपति विजय(दौलत विजय भी कहा जा सकता है।) * नायक – खुमान द्वितीय (मेवाड के राजा) * समय – 9वीं शताब्दी(आ.शुक्ल के अनुसार) 17 वीं शताब्दी (डॉ. मोतीलाल मेनारिया के अनुसार) * छन्द – 5000 छन्दों में रचना की। * प्रमुख भाषा – राजस्थानी * प्रतिपाद्य राजशस्ति * यह ग्रन्थ ...

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प्रमुख आचार्यों और अलंकारों की संख्या(pramukh aachaaryon aur Acharyas and Alankars)

?प्रमुख आचार्यों और अलंकारों की संख्या ?   क्र.सं. आचार्यों के नाम आचार्यों के ग्रन्थ अलंकारों की संख्या 1.       भरतमुनि नाट्यशास्त्र 4 2.       अग्नि पुराण अग्नि पुराण 14   3.       वामन काव्यालंकार सूत्रवृत्ति 31   4.       दंडी काव्यादर्श 35 5.       भामह काव्यालंकार 38 6.       उद्भट काव्यालंकार सार- संग्रह 41   7.       रुद्रट काव्यालंकार ...

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बंसतविलास का परिचय(Basantvilas ka parichay )

?बंसतविलास का परिचय ? * रचनाकार – अज्ञात(इसके रचयिता का पता नही चल सका है।) * प्रथम सम्पादक – केशवलाल हर्षादराय ध्रुव * प्रमुख रस – श्रृंगार रस * छन्द – 84 छन्द * इसमे प्रकृति और नारी पर बसन्त के मादक प्रभाव का चित्रण * जैनेतर फागु काव्य * गुजराती विद्वान केशव हर्षद ध्रुव ने सबसे पहलेवसंतविलास की एक सचित्र पांडुलिपि ...

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कृष्णा दास पयहारी का परिचय(Krishna Das Payhari ka parichay)

? कृष्णा दास पयहारी का परिचय? * जयपुर के प्रसिद्ध गलता नामक स्थान के महन्त।   * जाति दामिनी मां ब्राह्मण   * भाषा ब्रिज   * गुरु का नाम अनंतानंद * कृष्णदास केवल दूध ही पीते थे इसलिए पियारी कहलाते हैं कल आए आवरी भाव काल संवत 1556 से 1584 * आमेर के महाराज पृथ्वीराज के गुरु कापालिक संप्रदाय ...

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सूदन का परिचय(Sudan ka parichay)

? सूदन का परिचय ? *सूदन हिंदी के वीर रस के कवियों में प्रमुख कवि। * जाति – माथुर एवं मथुरा के निवासी थे। * पिता का नाम – वसंत ”मथुरापर का सुभ धाम, माथुर कुल उतपत्ति वर। पिता वसन्त सुनाम, सूदन जानहु सकर कवि।।” (सुजान चरित्र में ) * भरतपुर के राजा सूरजमल उपनाम सुजान सिंह के आश्रित थे। ...

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नागरीदास का परिचय (Nagaridas ka parichay )

? नागरीदास का परिचय ? *नागरीदास किशनगढ़ के महाराज राजसिंह के पुत्र और महाराजा मानसिंह के पौत्र। * जन्म- संवत् 1756   * असली नाम – सांवत सिंह   * कविता में नाम- नागरी, नागर,नागरी दास और नागरिया । * पुत्र सरदार सिंह का राज्य अभिषेक हो जाने के पश्चात नागरीदास वापस वृन्दावन चले गये और वहां कृष्ण भक्ति में ...

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पद्मावत का सार(padmavat ka saar)

? पद्मावत का सार ? * सिंहल अति सुंदर द्वीप है। अन्य द्वीपों से उसकी सुंदरता बढ़-चढ़कर है । * सिंहल द्वीप का राजा गंधर्वसेन है। उसका प्रताप चारों ओर फैला है। उसके पास असंख्य सेना है । * राजा गंधर्वसेन की रानी चंपावती को पदमावती नाम की अपूर्व सुंदरी कन्या उत्पन्न हुई। * पदमावती ने एक हीरामन नामक तोता ...

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 रिट्ठणेमि चरिउ (हरिवंश पुराण) का परिचय[Rittanemi Chariyu (Harivansh Purana) ka parichay]

?रिट्ठणेमि चरिउ (हरिवंश पुराण) का परिचय ? • स्वयंभू द्वारा रचित  • विषय – तीर्थंकर नेमिनाथ के चरित्र का वर्णन। • कुल श्लोक – 18हजार श्लोक। • चार काण्डों और 112 सिंधियों में विभाजित है। • चार काण्डों में विभक्त :- 1. यादव कांड(20 संधियां) 2. कुरु कांड (20 संधियां) 3. युद्धकांड (20संधियां) फाल्गुन नक्षत्र तृतीया तिथी बुधवार और शिव ...

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भविस्सयत कथा का परिचय(Bhavishyat Katha ka parichay)

?भविस्सयत कथा का परिचय ? • भविस्सयत कथा अपभ्रंश के कथाओं में प्रसिद्ध ग्रंथ है । * रचयिता – धनपाल * कुल सिंधिया – 22 सिंधिया • भविस्सयत कथा में श्रुतपंचमी व्रत के फलवर्णन स्वरूप भविस्सयत कथा का वर्णन है इसलिए इसे श्रुति पंचमी कथा भी कहते हैं। • अपभ्रंश भाषा के प्रकाशित होने वाले काव्यों में भविस्सयत कथा ग्रंथ ...

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पाहुड दोहा का परिचय(Pahud Doha ka parichay)

?पाहुड दोहा का परिचय? * रचयिता- राम सिंह। * रचना समय :- संवत् 1794 अर्थात् 1737 ई. * भाषा- अपभ्रंश भाषा * कुल पद्यों की संख्या – 222 पद्यों में   *अत्यंत मधुर और सरल शैली से चैतन्यदेव का गुणगान गाते हुए बर्हिमुखता छुड़ाकर अंर्तमुखता उत्पन्न करती है।   * जैनियों ने ‘पाहुड’ शब्द का प्रयोग किसी विशेष विषय के ...

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पाहुड दोहा के रचयिता रामसिंह का परिचय(Pahud Doha ke rachayita Ram Singh ka parichay)

?पाहुड दोहा के रचयिता रामसिंह का परिचय ? ◆ जैन मुनि ◆ जैनियों के आध्यात्मिक रहस्यवादी धारा के प्रमुख कवियों में से एक थे । ◆ रामसिंह ने चंचल मन की उपमा करहा (ऊंट)से ही है करहे की गति रेगिस्तानी प्रदेश में बड़ी तेज मानी जाती है। ◆ पश्चिमी प्रदेश के प्रदेश के निवासी । ◆ राजपूताना का रहने वाला ...

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मैथिली गद्य की सर्वप्रथम रचना वर्ण रत्नाकर का परिचय(maithili gady ki pratham rachana Varna Ratnakar ka parichay)

?वर्ण रत्नाकर का परिचय?   * रचनाकार – ज्योतिरीश्वर ठाकुर(13वी शताब्दी) * रचनाकाल – 14 वीं शताब्दी का पूर्वाद्धर् ( सुनीति कुमार के अनुसार) * आठ कल्लोलो (अध्यायों में) * मैथिली का विश्वकोश * मैथिली गद्य की सर्वप्रथम रचना * इसमे लेखक ने हिन्दू दरबार और भारतीय जीवन का यथार्थ चित्रण किया गया है। * इसमें कुल 8 कल्लोल है:- ...

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जज्जल कवि का परिचय(jajjal kavi ka parichay)

?जज्जल कवि का परिचय? प्रबंध चिंतामणी में जज्जल नाम पर विद्वानों के अलग – अलग विचार दिये। 1. जज्जल को जयचंद्र सूरी (हम्मीर विजय में) ने ‘पार्षद’ माना है। 2. जज्जल को विद्यापति (पुरुष परीक्षा में) ने ‘योद्धा’ माना है।   3. जज्जल को आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने ‘पात्र या मंत्री’ माना है । 4. जज्जल को वासुदेव शरण अग्रवाल ...

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प्राकृत पैगलम् का परिचय(Prakrit Pagalam ka parichay)

?प्राकृत पैगलम् का परिचय? * प्राकृत पैगलम् में प्राकृत और अपभ्रंश की स्फुट रचनाएं संग्रहित है । * छंद शास्त्र संबंधित पुस्तक * हिंदी में प्रारंभिक भाषा रूप और छंद को समझने के लिए यह प्रमाणित ग्रंथ है। * समय – 14वीं शताब्दी का पूर्वाद्धर् (डॉ .बच्चन सिंह के अनुसार) 15 वीं शताब्दी का आरंभ (सुनीति कुमार कू अनुसार) * ...

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प्रबंध चिंतामणि का परिचय( Management Chintamani ka parichay)

? प्रबंध चिंतामणि का परिचय ?   * 1304ई. में संस्कृत भाषा में जैन आचार्य मेरुतुंग द्वारा रचित है।(डॉ . बच्चन सिंह के अनुसार) * इसमें अनेक ऐतिहासिक कथा प्रबंध है । * इसमें बहुत पुराने राजाओं के आख्यान संग्रहीत किये गए है। * प्रबंध चिंतामणि नामक संस्कृत ग्रंथ भोज प्रबंध के ढंग से बनाया। * इसमें सिद्धराज जयसिंह कुमार पाल ...

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