🌺 बिम्ब का वर्गीकरण🌺
★ डा० नगेंद्र ‘ ने स्थूल रूप से पाँच वर्गों में रखा है:-
1. दृश्य, श्रव्य, स्पृश्य, घ्रातव्य और रस्य, (इंद्रियों से संबंधित)
2. लक्षित और उपलक्षित, ( कवि की कल्पना से संबंधित)
3. सरल और संश्लिष्ट ( घटना ,प्रसंग या वस्तु से संबंधित)
4. खंडित और समाकलित ( घटना ,प्रसंग या वस्तु से संबंधित)
5. वस्तुपरक और स्वच्छंद ( यर्थाथ और कल्पना से संबंधित)
★ सामान्यतः बिम्बों की तीन कोटियाँ निर्धारित की जाती हैं : – (डॉ.केदारनाथ सिंह के अनुसार)
1. आदिम बिम्ब
2. पौराणिक बिम्ब
3. निजन्धरी बिम्ब
√ यह तीनों बिम्ब छायावादी कविता में सरलता से मिल जाते हैं।
√ आदिम बिम्बों की प्रस्तुति का सर्वोत्तम उदाहरण :- कामायनी
√ पौराणिक बिम्ब का श्रेष्ठ उदाहरण :- राम की शक्ति पूजा ,कामायनी ।
√ निजधरी बिम्ब वाली प्रमुख कवितायें:- पंत की कृतियाँ ‘गुंजन’ और ‘पल्लव’ में आदि।
√ पौराणिक कथाओं की भाँति निजन्धरी कथाओं का सम्बन्ध भी लोक-कल्पना से ही है।
√ पौराणिक कथाएँ धर्म और सामाजिक विश्वास के साथ अनिवार्यतः सम्बद्ध होती है, जबकि निजन्धरी कथाओं का सम्बन्ध मानवेतर विश्वासों और रहस्यों से होता है।
√ निजन्धरी के अन्तर्गत परियों की कहानियाँ, नाराशंसी गाथाएँ, भावात्मक शिशु कथाएँ, चमत्कारपूर्ण गल्प, भूत-प्रेत और जादू-मन्तर की कहानियाँ आती हैं।
★ डॉ. केदारनाथ सिंह ने बिम्ब विधान को आठ वर्गों में विभाजित किया है।
1. सज्जात्मक बिम्ब
2. छायात्मक बिम्ब
3. घनात्मक बिम्ब
4. मिश्रित बिम्ब
5. उदात्त बिम्ब
6. नाद बिम्ब
7. अमूर्त बिम्ब
8. प्रतीकात्मक बिम्ब
★ डा. नगेंद्र ने बिम्ब विधान को तीन सोपानों में विभाजित किया है :-
1. अनुभूति का निर्वैयक्तीकरण
2. साधारणीकरण
3. शब्दार्थ के माध्यम से अभिव्यक्ति
★ डा. भगीरथ मिश्र द्वारा किया गया बिम्बों का वर्गीकरण निम्न है :-
(1.) ऐन्द्रिय बिम्ब :- इसके दो भेद :-
🔷 दृश्य बिम्ब
🔷 अन्य संवेद्य बिम्ब
💐 दृश्य बिम्ब :- इसके दो भेद :-
🔺 वस्तु बिम्ब
🔺 व्यापार बिम्ब
🔺वस्तु बिम्ब :- इसके दो भेद :-
⚜️ अलंकृत बिम्ब
⚜️ सहज बिम्ब
🔺 व्यापार बिम्ब :- इसके पांच भेद :-
✅ कृषि
✅ सांस्कृतिक
✅गोचारण
✅ यांत्रिक
✅ दैनिक जीवन
✅ दैनिक जीवन :- इसके तीन भेद :-
♦️मनोरंजन संबंधी
♦️आवश्यकता सम्बन्धी
♦️प्रणय सम्बन्धी
(2.) मानस बिम्ब :- इसके दो भेद :-
💠 भाव बिम्ब
💠 विचार बिम्ब