कवि चंदबरदाई का जीवन परिचय(kavi Chandbardai ka jeevan paricha)

कवि चंदबरदाई का जीवन परिचय

• जन्म :- 1149 में

• जन्म स्थान:- लाहौर में

• मृत्यु :- 1192 में (पृथ्वीराज का जन्म एवं इनका जन्म एक ही दिन एवं मृत्यु भी एक साथ हुई )

• इष्ट देवी :- जालंधर देवी

• पिता का नाम :- मतह (पूर्वजों की भूमि – पंजाब)

• पत्नियों का नाम :- कमला और गोरी।

*चंद के दो विवाह हुए थे इनकी पहली पत्नी का नाम कमला और दूसरी पत्नी का गौरी था।पृथ्वीराजरासो की कथा चंद ने गौरी(दुसरी पत्नी)से कही थी।गौरी प्रश्न करती और चंद उत्तर देते थे।

• जाति :- भाट जाति के जागत नामक गोत्र के

• मूल नाम :- बलिद्दय

• दुसरा नाम :- पृथ्वीचंद या पृथ्वीभट्ट( पृथ्वीराज रासो ग्रंथ में अपना नाम चंद लिखा)

• उपाधि :- वरदाई(देवी सरस्वती से मिली थी)

• चंदबरदायी के सखा :- दिल्ली के अंतिम हिंदू सम्राट महाराज पृथ्वीराज चौहान

• पृथ्वीराज चौहान के सामंत एवं राजकवि

• विद्वानों एवं गुणवान पुत्र (10 पुत्र में चौथे पुत्र):- जल्हन

• हिंदी के प्रथम महाकवि :- चंदबरदायी(आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार)

• हिंदी के प्रथम महाकाव्य पृथ्वीराज रासो के रचयिता

• चंदबरदायी बडभाषा,व्याकरण,काव्य,साहित्य,छन्द शास्त्र,ज्योतिष – पुराण, नाटक इत्यादि के पारंगत थे।

• शब्दों के डिटेक्टर :- चंदबरदायी(हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार)

हजारी प्रसाद द्विवेदी ने स्वीकारते हैं कि “चंदबरदायी शब्दों के डिक्टेटर थे। वे लाठी लेकर उनकी परेड करवाते थे।किसी के हाथ – पैर टूट जाय तो क्या?” अर्थात् चंद का शब्द भंडार विशाल था,शब्द रूपों में मनमानी विविधता है।

• छप्पय छन्द का राजाचंदबरदाई

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6 comments

  1. Bahut badia

  2. बहुत अच्छे

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