कामायनी महाकाव्य के संबंध में विद्वानों के विचार(Kamayani mahakavy ke sambandh mein vidvanon ke vichar)

🌺कामायनी महाकाव्य के संबंध में विद्वानों के विचार🌺

🌺कामायानी (1935,जयशंकर प्रसाद)

 

◆ मानवता का रसात्मक इतिहास ( नंददुलारे वाजपेयी)

 

◆ मानव चेतना के विकास का महाकाव्य (डॉ. नगेंद्र)

 

◆ छायावाद का उपनिषद्(शांतिप्रिय द्विवेदी)

 

◆ मानवता का रसात्मक महाकाव्य (आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा)

 

◆ नए युग का प्रतिनिधि काव्य (नंददुलारे वाजपेयी)

 

आधुनिक सभ्यता का प्रतिनिधि काव्य (नामवर सिंह ने कहा)

 

◆ रहस्यवाद का पहला महाकाव्य (निराला ने कहा)

 

◆ हिंदी में ताजमहल के समान (पंत ने कहा)

 

◆ फैटेन्सी महाकाव्य (मुक्तिबोध ने कहा)

 

◆ चिंता का विराट वपु मंगल(डॉ. बच्चन सिंह)

 

◆ प्रतिनिधि काव्य ग्रंथ (नंददुलारे वाजपेयी)

 

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