भरतेश्वर बाहुबली रास का परिचय(Bharateshwar Bahubali Raas ka parichay)
🌺 भरतेश्वर बाहुबली रास का परिचय 🌺
* रचयिता – शालिभद्रसुरी (भीमदेव द्वितीय के समय पाटण में हुए थे।)
* रचना समय – 1185ई. में
* रचना तिथि – संवत् 1231(मुनिजिन विजय के अनुसार)
* 205 छन्दों में रचित।
* खंडकाव्य
* वीर रस प्रधान और अंत में शांत रस
* 203 कड़ियां में रचित।
* शालिभद्रसुरी पाटन में निवास करते थे।(मुनिजिन विजय के अनुसार)
* विषय – इसमें भरत और बाहुबली के साथ तीर्थकर ऋषभदेव के बीच हुए युद्ध का वर्णन ।बाद में बाहुबली ने अपने तप और त्याग के बाद ज्ञान प्राप्त करता है ।
* इसके दो संस्करण प्राप्त है – लालचंद भगवान दास गांधी द्वारा संपादित (प्राच्य विद्या मंदिर बड़ौदा द्वारा प्रकाशित) और रास और रासान्वयी काव्य में प्रकाशित।
* पंक्ति – “बोलत बाहुबली बलवन्त।लोहे खण्डि तउ गरवीड हंत।”
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