दलित साहित्य का विस्तार से वर्णन[dalit sahity ka vistar se varnan]

[ ] दलित शब्द का अर्थ :-
• दलित शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु रूप ‘दल’से हुई। जिसका अर्थ – तोड़ना, कुचलना ।

• दलित शब्द का पर्यायवाची :- दबा हुआ या जिसको दबाया गया हो ।

• मानक हिंदी कोश के अनुसार दलित शब्द का अर्थ:- जो दबाया गया हो।

• हिंदी विश्वकोश के अनुसार :- दलित का अर्थ कुचला हुआ।

• भारत में दलित शब्द का प्रयोग :- अंग्रेजों के द्वारा 1933मेंडिप्रेस्सड क्लास (पद दलित वर्ग ) शब्द का प्रयोग।

• दलित साहित्य समतामूलक समाज की स्थापना करने की घोषणा करने वाला साहित्य है।

• दलित साहित्य उद्भव का श्रेय अंबेडकर को दिया जाता है।

• दलित साहित्य:-जिसमें सामाजिक, आर्थिक ,धार्मिक, राजनैतिक क्षेत्रों में पिछड़े हुए, उत्पीड़ित, अपमानित एवं शोषित जनोकी पीड़ा को अभिव्यक्त करता है वह दलित साहित्य कहलाता है।

• “दलित शब्द दबाए गए शोषित, पीड़ित, प्रताड़ित अर्थों में जब साहित्य में जुड़ता है तो यह विरोध का एक नकार का संकेत करता है।”(भीमराव अंबेडकर के अनुसार दलित साहित्य की परिभाषा)

• दलित साहित्य को अंबेडकरवादी साहित्य भी कहा जाता है।

• साधरण शब्दों में दलित साहित्य की परिभाषा:-दलित समाज की समस्या पर लिखा गया साहित्य चाहे वह दलित लेखक और गैर दलितलेखक दलित द्वारा लिखा गया हो, उसे दलित साहित्य मानते हैं।

• सर्वप्रथम दलित साहित्य की शुरुआत :- मराठी भाषा में (महाराष्ट्र में ,13वीं सदी में)

• इसके बाद हिंदी भाषा में दलित साहित्य की शुरुआत हुई।

• हिंदी भाषा के बाद तेलुगू भाषा में (1990 ई. में)दलित साहित्य शुरुआत हुई।

• हिंदी साहित्य में दलित साहित्य की प्रथम रचना :- अछूत की शिकायत -हीरा डोम (रचियता)
(सरस्वती पत्रिका में ,सितंबर 1914 में प्रकाशित)

• हिंदी में दलित साहित्य संबंधित रचना करने वाले:-
1. ओमप्रकाश वाल्मीकि
2. माता प्रसाद
3. लक्ष्मीनारायण सुधाकर
4. सोहनलालसुमनाक्षर
5. डॉ धर्मवीर भारती
6. सूरजमलचौहान
7. जयप्रकाश कर्दम
8. डॉ. धर्मवीर भारती
9. एन आए सागर
10. कंवल भारती
11. कर्मशील भारती
12. डॉ. एन . सिंह
13. कुसुम योगी

[ ] दलित आत्मकथा:-
• दलित आत्मकथा की शुरुआत :- आत्मकथ्य से (रचयिता -भीमराव अंबेडकर, 1956में ,जनता पत्र नागपुर से )

• दलित आत्मकथा के संदर्भ में आत्मकथा शब्द के लिए आत्मवृत्त,आत्मचरित्र, जीवन गाथा,आत्मकथनस्वकथन एवंस्वचरित शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

• मोहनदास नैमिशराय अपनी कृति ‘अपने अपने पिंजरे को’आत्मकथा के बजाय आत्मवृत्त मानते हैं।

• दलित आत्मकथा की विशेषताएं :-

1. दलित आत्मकथा में भोगेहुए जीवन का चित्रण होता है।

2. दलित आत्माकथा मेंदीनता पीड़ा दु:ख आदिसमाज जीवन स्थिति का चित्रण होता है।

3. दलित आत्मकथा में कर्मवाद को स्वीकार है।

4. दलित आत्मकथामानव मूल्यों को स्वीकार करती हैं ।

• दलित आत्मकथा कार:-
1. मोहनदास नैमिशराय
2. ओमप्रकाश वाल्मीकि
3. कैलाश नाथ
4. कौसल्याबैसंत्री
5. डॉ. डी .आर . जाटव
6. माता प्रसाद
7. सूरजपालचौहान
8. श्यौराज सिंह बेचैन
9. एन .आर . सागर
10. के. नाथ
11. डॉ . रमाशंकरआर्य

हिंदी साहित्य में लिखी गई दलित आत्मकथाएं:–

क्रम संख्या

दलित आत्मकथा

आत्मकथा कार

1.

अपने अपने पिंजरेभाग-1(1995)

मोहनदास नैमिशराय

2.

जूठन(1997)

ओमप्रकाश वाल्मीकि

3.

दोहरा अभिशाप(1999)

कौसल्या बैसंत्री

4.

तिरस्कार (1999)

कैलाश नाथ

5.

मेरा सफर मेरी मंजिल(2000)

डॉ.डी.आर.जाटव

6.

अपने अपने पिंजरे भाग– 2 (2000)

मोहनदास नैमिशराय

7.

झोपड़ी से राजभवन (2000)

माता प्रसाद

8.

तिरस्कार(2002)

सूरज पाल चौहान

9.

मेरे मन की बाइबल भाग– 1(2006)

नवेन्दुमहर्षि

10.

संतप्त (2006)

सूरज पाल चौहान

11.

नागफनी(2007)

रूप नारायण सोनकर

12.

घुटन(2007)

डॉ.रमाशंकर आर्य

13.

मेरे बचपन मेरे कंधों पर (2006)

श्यौराज सिंह बेचैन

14.

मेरी पत्नी और भेड़िया (2009)

डॉ.धर्मवीर भारती

15.

मुर्दहिय (2010)

डॉ. तुलसी राम

16.

शिकंजे का दर्द

डॉ.सुशीला टाकभोरे

  • दलित उपन्यास की विशेषताएं:-

  1. दलित उपन्यास में विद्रोह स्वर दिखाई देता है।

  2. दलित उपन्यासों में अराजकता और अत्याचार को दिखाया जाता है।

  3. दलित उपन्यासों में सामाजिक स्थिति का पता चलता है।

  4. दलित उपन्यास भीमराव अंबेडकर के मौलिक विचार प्रभावित है।

  5. दलित उपन्यासों में कल्पना का समावेश नहीं होतीहै।

क्रम संख्या

दलित उपन्यास

उपन्यासकार

1.

1.

छप्पर (1997)

जयप्रकाश कर्दम

2.

जस- तस भई सवेरे(1998)

सत्य प्रकाश

3.

दोहरा अभिशाप

कौसल्या बैसंत्री

4.

अमर ज्योति

डी.पी. वरूण

5.

मिट्टी की सौगंध (1995)

प्रेम कपाड़िया

6.

मुक्तिपर्व

क्या मुझे खरीदोगें

आज बाजार बंद है

मोहनदास नैमिशराय

7.

पहला खत

डॉ धर्मवीर

8.

भूखी चिनगारी की जानकारी के लाल मुस्कराहट

बलवंत सिंह‘

9.

काला पहाड़

भगवान दास

10.

थमेगा नहीं विद्रोह(2008)

उमराव सिंह

11.

उधर के लोग (2008)

अजय नावरिया

12.

धन धरती

एक स्वप्नदर्शी की मौत

हमलावर(2013)

विपिन बिहारी

13.

डंक(2009)

सुअर दान(2010)

गटर का आदमी (2015)

रूपनारायण सोनकर

14.

मिसरमिया (2007)

कावेरी

15.

नीला आकाश(2011)

सुशीला टांकभौरे

16.

गवाह तथागत (2004) मौला माफ कर दे(2013)

कमल तेजस

17.

1.       क्रम संख्या

दलित काव्य संग्रह

रचनाकार

2.

गूंगा नहीं था मैं

तिनका तिनका आग

डॉ जयप्रकाश कर्दम

3.

शोषितनामा

डॉ मनोज सोनकर

4.

तब तुम्हारी निष्ठा क्या होती

कंवल भारती

5.

प्रयास

क्यों विश्वास करूं

कब होगी वह भोर

सूरजपाल चौहान

6.

व्यवस्था के विषधर

डॉ. कुसुम वियोगी

7.

उत्पीड़न की यात्रा

लक्ष्मीनारायण सुधाकर

8.

कलम को दर्द कहने दो

दलित मंजरी

पीड़ा जो चीख उठी

चेतना के स्वर

कर्मशील भारती

9.

हार नहीं मानूंगा

ईश कुमार गंगनिया

10.

अन्नतर

बयान बाहर

सूर्याश

डॉ रघुवीर सिंह

11.

नई गंध

रोटी की भूख तक

डॉ प्रेम शंकर

12.

सुनो ब्राह्मण

मलखान सिंह

13.

दर्द के दस्तावेज

पीड़ा जो चीख उठी

डॉ.एन. सिंह

14.

भीम शतक(खंडकाव्य)

एकलव्य (खंडकाव्य)

दिग्विजय रावण (प्रबंधकाव्य)

माता प्रसाद

15.

द्वार पर दस्तक

सवालों के सूरज

मुख माटी की मुखरता

डॉ.  पुरुषोत्तम‘सत्यप्रेमी’

16.

यातना की आंखें

डॉ. दयानंद बटोही

17.

समंदर का एक बयान(1989)

मोहनलालनैमिशराय

18.

दृष्टिकोण (गजल संग्रह,1995) बेताल दृष्टि

तेजपाल सिंह

19.

हीरामन

डॉ.धर्मवीर

20.

सदियों का संताप

बस बहुत हो चुका अब और नहीं

ओमप्रकाश वाल्मीकि

21.

अधूरी छुट्टी रोशनी की

अनाम बस्तियों के देश में

सुपभरधूप

डॉ.चंद्रकुमार

22.

उत्थान के ससुर गीत संग्रह व्यवस्था के विस्तार और संग्रह

कुसुम योगी

23.

यह तुम भी चलो इसको तुमने कब पहचाना अनुभूति के गहरे

डॉ.सुशीला टाकभौरे

24.

क्रौचहूंमै

डॉ.श्योराज सिंह बेचैन

क्रम संख्या

दलित कहानी संग्रह

कहानीकार

1.

सलाम

घुसपैठिए

ओमप्रकाश वाल्मीकि

2.

पुनर्वास

विपिन बिहारी

3.

तलाश

जयप्रकाश कर्दम

4.

आवाजें

हमारा जवाब

मोहनदास नैमिशराय

5.

चारइंच की कलम

डॉ.कुसुम वियोगी

6.

टूटतावहम

अनुभूति के घेरे

संघर्ष

डॉ सुशीला टाकभौरे

7.

सुरंग

डॉ दयानंद बटोही

8.

हैरी कब आएगा

नया ब्राह्मण

सूरजपालचौहान

9.

दलित कहानी संचयन

रमणिका गुप्त

10.

जहरीली जड़े

रूपनारायण सोनकर

11.

हिस्से की रोटी

डॉक्टर शत्रुधन कुमार संभारिया

क्रम संख्या

दलित नाटक

नाटककार

1.

अछूत का बेटा(1977)

वीरांगनाझलकारी बाई(1990)

तड़फ मुक्ति की (1994)

वीरांगना ऊदा देवी पासी(1995)

प्रतिशोध (1999)

अंतहीन बेड़िया(1999)

धर्म परिवर्तन (2000)

माता प्रसाद

2.

अदालत नामा(1989)

मोहनदास नैमिशराय

3.

दलितों का चीखता अभाव(1993)

डॉ.प्रेमशंकर

4.

नंगा सत्य

रंग और व्यंग्य

डॉ सुशीला टाकभौरे

5.

कठौती में गंगा(1959)

डॉ.एन. सिंह

6.

हरिजन(1959)

शिव प्रसन्न दास

7.

कोर्ट मार्शल

स्वदेश दीपक

8.

शंबूक

राम राज्य का न्याय

अछुतानन्द

9.

जन्म – जन्म के कारावासी

वीर सिंह

10.

संवाद के पीछे

मनोज कुमार जैन

क्रम संख्या

ललित साहित्य में निबंध

और निबंधकार

1.

पत्ते क्यों गिरते हैं(1989)

दलित साहित्य और सामाजिक न्याय(1998)

सत्यप्रेमी

2.

साहित्य और सामाजिक क्रांत

डॉ.दयानंद बटोही

3.

मेरा दलित चिंतन

डॉ. एन. सिंह

4.

परिवर्तन जरूरी है

सुशिला टाकभौरे

5.

लोकतंत्र के लोकतंत्र में भागीदार के सवाल

कंवल भारती

1.       क्रम संख्या

विधाएं

सर्वप्रथम रचना

रचनाकार

2.

कविता

अछूत की शिकायत

दूसरे कविता चांद

हीरो डोम

शोभाराम धेनु सेवक

3.

कहानी

वचनबद्ध (1975 मुक्ति स्मारिका पत्रिका में)

सबसे बड़ा सुख

(19789 कथा लोक पत्रिका में)

अंधेर बस्ती(1980 निर्णायक भीम)

सतीश

मोहनदास नैमिशराय

ओमप्रकाश वाल्मीकि

4.

उपन्यास

छप्पर

जयप्रकाश कर्दम

(डॉ.एन. सिंह के अनुसार)

5.

नाटक

शम्बकू

राम राज्य के न्याय

अछूतानंद

6.

आत्मकथा

मेरा जीवन (भाषा मराठी)

दूसरी आत्मकथा बताओ बलुत (भाषा– मराठी)

मैं भंगी हूं (भाषा-हिंदी में)

डॉ.अंबेडकर

दया पंवार

डॉ.भगवान दास

7.

आलोचना

दलित साहित्य चिंतन के विविध आयाम

डॉ एन सिंह

8.

पत्रिका

दीनबंधु

(मराठी में,1 जनवरी,1899 में)

जनता हिंदी में 1930

ज्योतिबा फुले (संपादन)

अंबेडकर (संपादन)

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